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एसजीपीजीआई में गेट से लेकर इमरजेंसी तक दलाल सक्रिय Photograph: (google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (SGPGI) बिचौलियों के लिए दलाली का नया अड्डा बन गया है। इलाज के नाम पर मरीजों की जेब पर डाका डालने वाले इन दलालों की हिम्मत इतनी बढ़ चुकी है कि अब वे सुरक्षा गार्डों से गाली-गलौज और मारपीट करने से भी नहीं चूकते।
बिचौलियों की गार्डों से हाथापाई
एसजीपीजीआई के गेट नंबर एक पर तैनात सुरक्षा गार्डों ने बीते दिनों छह दलालों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया था। इस दौरान बिचौलियों ने विरोध करते हुए हाथापाई भी की थी। सुरक्षा नोडल अधिकारी डीके पांडेय की तहरीर पर पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इसके बाद भी दलाली का यह गोरखधंधा नहीं रुका। उपनिरीक्षक परवेज अंसारी और उनकी टीम ने मंगलवार को इसी गैंग के तीन और सदस्यों को धर दबोचा। गिरफ्तार आरोपियों में बाराबंकी के भरत सिंह, सुल्तानपुर के अनुपम तिवारी और बस्ती के लवकुश शामिल हैं।
गेट से लेकर इमरजेंसी तक दलाल सक्रिय
डीके पांडेय के अनुसार, बिचौलिए गेट से लेकर इमरजेंसी और अस्पताल परिसर तक पहुंच जाते हैं। मरीजों को दूसरे निजी अस्पताल में सस्ता इलाज, मेडिकल स्टोर से कम कीमत पर दवाईयां और पैथालॉली में सस्ते में जांच का झांसा देते है। मरीज के तीमारदार इन बिचौलियों के झांसे में आसान से आ जाते हैं।
कौन दे रहा है दलालों को संरक्षण?
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि यह पूरा दलाली का कारोबार पीजीआई परिसर के अंदर बेधड़क चल रहा था। यह गंभीर सवाल है कि आखिर इन बिचौलियों को यहां तक पहुंचने की छूट किसने दी? क्या यह सिर्फ सुरक्षा की चूक है या कहीं न कहीं संस्थान के अंदर से भी इन्हें संरक्षण मिल रहा है?
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