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एक्शन मोड में मायावती : देशभर के पदाधिकारियों संग की बैठक, कहा-पार्टी की ताकत बढ़ाएं

मायावती ने कहा कि सरकारें संविधान के जनकल्याणकारी उद्देश्यों को छोड़कर केवल संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों में उलझी हुई हैं, जिससे देश और समाज दोनों का विकास बाधित हो रहा है।

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Deepak Yadav
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एक्शन मोड में मायावती Photograph: (x)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती चुनावी तैयारियों में सक्रिय हो गई हैं। नौ अक्टूबर को पार्टी संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर हुई महारैली ने बसपा में उत्साह भर दिया है। इसके बाद से मायावती लगातार बैठकें कर रही हैं। इसी क्रम में रविवार को पार्टी की समीक्षा बैठक हुई। इसमें मायावती के भतीजे आकाश आनंद भी शामिल हुए हैं। आकाश ने बसपा सुप्रीमो के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। बैठक के दौरान मायावती ने पार्टी पदाधिकारियों को जरुरी दिशा-निर्देश दिए हैं। 

गरीबी, महंगाई और बेरोजगारी पर जताई चिंता

मायावती ने नौ अक्टूबर की रैली की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के गांव-गांव में लाखों लोगों ने तन, मन और धन से जिस जोश और उमंग का परिचय दिया है, वही भावना अब अन्य राज्यों में भी फैलनी चाहिए। ताकि बाबा साहेब का समानता आधारित कल्याणकारी राज्य का सपना साकार हो सके। उन्होंने  देश में गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी, महिला असुरक्षा, जातिवादी और साम्प्रदायिक हिंसा जैसी समस्याओं पर चिंता व्यक्त की।

सरकारें संकीर्ण स्वार्थ में उलझीं

मायावती ने कहा कि सरकारें संविधान के जनकल्याणकारी उद्देश्यों को छोड़कर केवल संकीर्ण राजनीतिक स्वार्थों में उलझी हुई हैं, जिससे देश और समाज दोनों का विकास बाधित हो रहा है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दलित, पिछड़े और बहुजन समाज तब तक शोषण और अपमान से मुक्त नहीं हो सकता, जब तक सत्ता की मास्टर चाबी उनके अपने हाथों में नहीं आ जाती। यही कारण था कि बाबा साहेब के मिशन को आगे बढ़ाने के लिए बसपा का गठन किया गया। जिसने अपनी चार बार की सरकारों में सामाजिक बदलाव और आर्थिक मुक्ति की दिशा में ठोस कदम उठाए थे।

मायावती ने इन घटनाओं पर जताई चिंता

बसपा सुप्रीमो ने हरियाणा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की आत्महत्या और सुप्रीम कोर्ट के भीतर मुख्य न्यायाधीश पर जूता फेकने की घटना को लेकर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं लोकतंत्र और संवैधानिक व्यवस्था के लिए खतरे का संकेत हैं, लेकिन सरकार और जिम्मेदार संस्थानों की चुप्पी गंभीर सवाल खड़े करती है। उन्होंने साफ कहा कि बसपा कोई पूंजीपतियों के सहारे चलने वाली पार्टी नहीं है, बल्कि यह संविधान की मानवतावादी सोच पर आधारित अम्बेडकरवादी पार्टी है, जो गरीबों, दलितों, पिछड़ों, आदिवासियों, मुस्लिमों और अल्पसंख्यकों के हितों की सच्ची संरक्षक है।

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आर्थिक सहयोग अभियान जारी रखने की अपील

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा की सरकारों ने कानून के राज की मिसाल पेश की थी और आज देश को फिर वैसी गुड गवर्नेंस की जरुरत है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से 15 जनवरी को अपने जन्मदिन पर बसपा के आर्थिक सहयोग अभियान को जारी रखने की अपील की। कहा, बसपा बहुजन समाज को लेने वाला नहीं, बल्कि देने वाला समाज बनाना चाहती है। इसके लिए तन, मन और धन से निरंतर सहयोग जरुरी है। बैठक में यूपी और उत्‍तराखंड के पदाधिकारी शामिल नहीं हुए। 

Mayawati | BSP Mayawati 

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