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Crime News: गोण्डा में मृतक की जमीन फर्जी विलेख से हड़पने का मामला, ईओडब्ल्यू ने मुख्य आरोपी को लखनऊ से किया गिरफ्तार

गोण्डा में मृतक की जमीन हड़पने के फर्जी विलेख मामले में ईओडब्ल्यू ने मुख्य आरोपी सरजू प्रसाद को लखनऊ से गिरफ्तार किया। आरोपी ने उप निबंधन कार्यालय कर्मचारियों की मिलीभगत से मूल बैनामा गायब कर फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे।

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Shishir Patel
Gonda Land Scam

मृतक की जमीन हड़पने वाला आरोपी लखनऊ से गिरफ्तार

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । उत्तर प्रदेश आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्ल्यू) ने गोण्डा जनपद में चर्चित भूमि घोटाले के एक अहम आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी सरजू प्रसाद पुत्र सीताराम, निवासी कपिसा, थाना मोतीगंज, गोण्डा पर आरोप है कि उसने उप निबंधन कार्यालय गोण्डा के कर्मचारियों की मिलीभगत से मृतक की जमीन पर कब्जा करने के लिए फर्जी एवं कूटरचित विलेख तैयार कर उन्हें सरकारी अभिलेखों में दर्ज करा दिया।

घोटाले के उजागर होने के बाद जिले में 50 से अधिक मुकदमे हुए दर्ज 

यह मामला मृतक बाले, निवासी गोण्डा, की संपत्ति से जुड़ा है। आरोप है कि सरजू प्रसाद ने उप निबंधन कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ मिलकर मूल बैनामे को अभिलेखों से गायब कर दिया और उसकी जगह फर्जी दस्तावेज तैयार कर जमीन को अपने नाम करने की साजिश रची। इस कृत्य को "मल्टी रजिस्ट्रेशन भूमि घोटाले" के रूप में जाना गया, जिसमें एक ही संपत्ति के लिए बार-बार फर्जी पंजीकरण किए गए। घोटाले के उजागर होने के बाद जिले में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हुए। मामले की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने सभी मुकदमों की जांच स्टेट एसआईटी, ईओडब्ल्यू लखनऊ को सौंपी। जांच के दौरान जुटाए गए साक्ष्यों में सरजू प्रसाद की संलिप्तता स्पष्ट पाई गई।

इस मामले में अब तक कई को किया जा चुका है गिरफ्तार 

पंजीकृत मुकदमा संख्या 07/2023, धारा 419, 420, 467, 468, 471, 120बी, 204 भादवि तथा धारा 7ए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपी को 12 अगस्त 2025 को ईओडब्ल्यू की टीम ने लखनऊ से गिरफ्तार किया। टीम ने बताया कि इस प्रकरण में अन्य छह आरोपी भी नामजद हैं, जिनके खिलाफ वैधानिक कार्यवाही जारी है।गोण्डा के उप निबंधन सदर कार्यालय में वर्षों से चल रहे इस संगठित भूमि घोटाले में अधिवक्ताओं, दलालों और कुछ सरकारी कर्मचारियों की मिलीभगत सामने आ चुकी है। फर्जी दस्तावेज तैयार करने और मूल अभिलेख गायब करने के मामले में ईओडब्ल्यू लगातार कार्रवाई कर रही है और अब तक कई आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि ऐसे संगठित आर्थिक अपराधों में शामिल लोगों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा, और जांच पूरी होने तक लगातार गिरफ्तारी अभियान चलाया जाएगा।

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