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लखनऊ में 'श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा' में सीएम योगी। Photograph: (सोशल मीडिया)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। साहिब श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष पर 'श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा' का शुभारंभ शनिवार की सुबह राजधानी लखनऊ से किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक व धार्मिक यात्रा का स्वागत किया। मुख्यमंत्री ने इस यात्रा को शांति, बलिदान व धार्मिक सहिष्णुता का प्रतीक बताया।
यह यात्रा बलिदान, शांति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस ऐतिहासिक व धार्मिक यात्रा का स्वागत व अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा बलिदान, शांति और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी का जीवन भारत के सांप्रदायिक सौहार्द, सहिष्णुता और धर्म की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान की मिसाल है। उन्होंने कहा कि यह अतुलनीय व अद्वितीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया एक्स पर भी लिखा, 'जो बोले सो निहाल! सत् श्री अकाल! आज लखनऊ स्थित सरकारी आवास पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप का आगमन हुआ। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी संपूर्ण मानवता के लिए एक प्रेरणापुंज हैं।श्री गुरु तेग बहादुर जी महाराज को कोटि-कोटि नमन।'
यह ऐतिहासिक, धार्मिक और पवित्र यात्रा न सिर्फ सिख समुदाय के इतिहास को जीवंत करता है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और बलिदानी परंपरा का भी गौरवगान करता है। साहिब गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष को समर्पित श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा का आरंभ लखनऊ के गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा (नाका हिंडोला) से हुआ। यह यात्रा गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब, चांदनी चौक, दिल्ली तक जाएगी।
श्री गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षाएं आज के भारत के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ(CM Yogi Adityanath) ने इस मौके पर कहा कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने अपने प्राणों की आहुति देकर यह दिखाया कि धर्म, आस्था और मानवता की रक्षा सर्वोच्च कर्तव्य है। उनकी शिक्षाएं आज के भारत के लिए भी उतनी ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत की विविधता में एकता की भावना को जीवित रखने के लिए गुरु साहिब के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाना अत्यंत आवश्यक है।
यह ऐतिहासिक, धार्मिक और पवित्र यात्रा न सिर्फ सिख समुदाय के इतिहास को जीवंत करता है, बल्कि भारत की आध्यात्मिक और बलिदानी परंपरा का भी गौरवगान करता है। साहिब गुरु तेग बहादुर जी महाराज के 350वें शहीदी वर्ष को समर्पित श्री तेग बहादुर संदेश यात्रा का आरंभ लखनऊ के गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा (नाका हिंडोला) से हुआ। यह यात्रा गुरुद्वारा श्री शीशगंज साहिब, चांदनी चौक, दिल्ली तक जाएगी।
सिखों के 9वें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी 1675 में कश्मीरी पंडितों और हिंदू धर्म की रक्षा के लिए मुगल शासक औरंगजेब के सामने डटकर खड़े हुए थे। उन्होंने जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ आवाज उठाई और आखिरकार अपने जीवन की आहुति देकर मानवता व धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की। उनकी शहादत का स्थल दिल्ली का शीशगंज गुरुद्वारा आज भी उस बलिदान का साक्षी है।
यात्रा की शुरुआत और उद्देश्य
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इस यात्रा का उद्देश्य केवल धार्मिक यात्रा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह यात्रा नवीन भारत में सांस्कृतिक एकता, धार्मिक सहिष्णुता, और आत्मिक चेतना को जागृत करने का माध्यम है। यात्रा का आरंभ लखनऊ के नाका हिंडोला स्थित श्री गुरु सिंह सभा से हुआ, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं, सिख संगतों, राजनेताओं, और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी ने गुरुद्वारा में माथा टेककर आशीर्वाद प्राप्त किया और सिख इतिहास में गुरु तेग बहादुर जी के योगदान को स्मरण किया।
यात्रा को लेकर व्यापक स्तर पर तैयारियां
राज्य सरकार और सिख समाज के विभिन्न संगठनों ने मिलकर इस यात्रा को सफल बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं। मुख्यमंत्री योगी ने जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि यात्रा मार्ग में समुचित सुरक्षा, सफाई, चिकित्सा और जलपान जैसी सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाएं। यह यात्रा केवल श्रद्धालुओं के लिए ही नहीं, बल्कि युवाओं के लिए भी एक प्रेरणा है। युवाओं को धर्म के असली अर्थ सत्य, सेवा, और समर्पण से जोड़ने के लिए यह एक जीवंत विद्यालय है। यह भारत की उस विरासत को सहेजने का माध्यम है, जो त्याग और तपस्या से ओतप्रोत है।
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