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आरोपी फरहान नबी।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश एटीएस ने देश के खिलाफ एक बड़ी साजिश का पर्दाफाश किया है। एजेंसी ने दिल्ली निवासी फरहान नबी सिद्दीकी को नोएडा से गिरफ्तार किया है, जिस पर विदेश से 11 करोड़ रुपए की अवैध फंडिंग जुटाकर धार्मिक समुदायों के बीच वैमनस्य फैलाने और बांग्लादेशी घुसपैठियों को शरण देने का गंभीर आरोप है।
मदरसा बनाने के लिए अमराेहा व पंजाब में खरीदी थी जमीन
एटीएस की जांच में सामने आया है कि फरहान नबी सिद्दीकी तुर्की में पंजीकृत इस्तांबुल इंटरनेशनल कंपनी का सह-निदेशक है। इसी कंपनी के माध्यम से उसने विदेशी फंडिंग हासिल की और यूपी के अमरोहा और पंजाब में मस्जिदें व मदरसे बनाने के लिए जमीनें खरीदीं।एटीएस अधिकारियों के अनुसार, फरहान अपने विदेशी संपर्कों के साथ हवाला नेटवर्क के जरिए भारत में धन लाने का काम करता था। उसके साथी नासी तोर्बा सहित कई लोग इस नेटवर्क का हिस्सा हैं, जो हकीकत वाक्फी फाउंडेशन, रियल ग्लोबल एक्सप्रेस लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड और अन्य कंपनियों का संचालन करते हैं।
दो मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप और 12 संदिग्ध किताबें जब्त
सूत्रों के मुताबिक, फरहान ने ग्रेटर नोएडा के कासना क्षेत्र में हकीकत प्रिंटिंग पब्लिकेशन नाम से एक प्रेस चलाई हुई थी, जहां से भड़काऊ व उकसाने वाली किताबों का प्रकाशन और वितरण किया जा रहा था। इन पुस्तकों में धार्मिक समुदायों के बीच नफरत और आपसी अविश्वास फैलाने वाली सामग्री छापी जा रही थी।एटीएस की टीम ने छापेमारी के दौरान दो मोबाइल फोन, तीन लैपटॉप और 12 संदिग्ध किताबें जब्त की हैं, जो हिंदी, उर्दू, अरबी और बांग्ला भाषाओं में प्रकाशित थीं। जांच में यह भी सामने आया है कि फरहान ने कई बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से भारत में शरण दी थी, जिनकी सूचना स्थानीय प्रशासन या पुलिस को नहीं दी गई थी।
फरहान के खिलाफ राज्य सुरक्षा से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज
एटीएस ने फरहान सिद्दीकी के खिलाफ राज्य सुरक्षा से जुड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और उसके विदेशी संपर्कों, फंडिंग स्रोतों तथा नेटवर्क के विस्तार की गहन जांच की जा रही है।अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए चल रहे एटीएस के व्यापक अभियान का हिस्सा है, ताकि किसी भी प्रकार की विदेशी फंडिंग के जरिये सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिशों को सख्ती से रोका जा सके।
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