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वन्यजीव तस्करी में लिप्त चार तस्कर गिरफ्तार।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अन्तर्राज्यीय वन्यजीव तस्करी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चार शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 245 प्रतिबंधित तोते और 12 राष्ट्रीय पक्षी मोर बरामद किए गए हैं। कार्रवाई वाराणसी जनपद के राजा तालाब थाना क्षेत्र के रखौना चौराहे पर की गई। तस्कर प्रयागराज और कौशांबी से पक्षियों को पश्चिम बंगाल के आसनसोल ले जा रहे थे।
गिरफ्तार तस्करों की पहचान व बरामद सामान
मोहम्मद वसीम उर्फ अरमान पुत्र मोहम्मद शमीम उर्फ नामू निवासी रेल पार्क, ओके रोड, थाना नार्थ, जनपद वर्धमान, पश्चिम बंगाल।मोहम्मद आयूब पुत्र स्वर्गीय मोहम्मद हमीद निवासी दुबराज हैरोडांगा, थाना वर्धमान, पश्चिम बंगाल।नितेश दिवाकर पुत्र वीर सिंह निवासी कसेन्दा, थाना पिपरी, जनपद कौशांबी।अमन कुमार पुत्र संजय कुमार निवासी गोविंदपुर तेवारा, थाना पूरामुफ्ती, जनपद प्रयागराज है। इनके कब्जे से 12 मोर (इंडियन पीफाउल – Pavo cristatus), 245 तोते (रोज रिंग पैराकीट – Psittacula krameri), इनोवा कार (UP70 FR 0489),तीन मोबाइल, तीन पिंजरे, पांच प्लास्टिक के बोरे और 3,900 नकद बरामद किया है।
उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने अन्तर्राज्यीय वन्यजीव तस्करी नेटवर्क पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चार शातिर तस्करों को गिरफ्तार किया है। इनके कब्जे से 245 प्रतिबंधित तोते और 12 राष्ट्रीय पक्षी मोर बरामद किए गए हैं। कार्रवाई वाराणसी जनपद के राजा तालाब थाना क्षेत्र के रखौना चौराहे पर की गई। pic.twitter.com/PUulu1MYcc
— shishir patel (@shishir16958231) November 8, 2025
एसटीएफ को इनके बारे में लंबे समय से मिल रही थी सूचना
एसटीएफ को लंबे समय से सूचना मिल रही थी कि कुछ गिरोह उत्तर प्रदेश से संरक्षित वन्यजीवों की तस्करी कर पश्चिम बंगाल तक पहुंचा रहे हैं। अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ सत्यसेन यादव के पर्यवेक्षण में टीम ने अभिसूचना जुटाई और बीती रात निरीक्षक प्रमोद कुमार वर्मा के नेतृत्व में वन विभाग व वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो, गोरखपुर के साथ संयुक्त छापा मारकर तस्करों को गिरफ्तार किया।
पांच सौ रुपए में मोर और सौ रुपए में खरीदते थे तोता
मुख्य तस्कर वसीम उर्फ अरमान ने बताया कि वे कौशांबी निवासी पंकज नामक व्यक्ति से मोर 500 में और तोते 100-200 प्रति तोता खरीदते हैं। बाद में आसनसोल और कोलकाता में स्थानीय व्यापारियों को ये पक्षी 400-500 प्रति तोता और 2,500-3,000 प्रति मोर में बेचते हैं।गिरफ्तार आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 और भारतीय वन अधिनियम 1927 की संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई वन विभाग द्वारा की जा रही है।
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