/young-bharat-news/media/media_files/2025/10/06/electricity-privatisation-2025-10-06-18-50-29.jpeg)
टीए को भुगतान की मंजूरी का कड़ा विरोध Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण का मसौदा तैयार करने वाली विवादित सलाहकार कंपनी ग्रांट थॉनर्टन को लेकर कथित भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने आरोप लगाया कि झूठा शपथ पत्र देकर टेंडर करने वाली इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने बजाय गलत तरीके से उसे भुगतान करने की मंजूरी दी गई है।
फर्म ने अमेरिका में जुर्माने की बात छुपाई
परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस फर्म ने अमेरिकी में 40 हजार डॉलर का जुर्माना लगाए लगाए जाने की बात छुपाई और झूठा शपथ पत्र देकर यूपी पावर कारपोरेशन से टीए का टेंडर हासिल किया।
शिकायत पर जांच में फर्म की गड़बड़ियां सामने आईं। जांच रिपोर्ट में कार्रवाई की सिफारिश की गई थी, लेकिन उद्योगपतियों के दबाव के चलते ग्रांट थ्रोनटन को बचा लिया गया।
टेंडर विवाद में मुख्य अभियंता का ट्रांसफर
वर्मा ने कहा कि इस फर्म के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश और भुगतान पर आपत्ति जताने वाले मुख्य अभियंता, रेगुलेटरी अफेयर्स यूनिट का पश्चिमांचल ट्रांसफर कर दिया गया। इसके बाद ही टीए को 10 प्रतिशत भुगतान देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।
पूर्व निदेशक वित्त पर भी आरोप
अवधेश वर्मा ने आरोप लगाया कि पूर्व निदेशक वित्त निधि कुमार नारंग ने ग्रांट थॉनर्टन को क्लीन चिट देने की कोशिश की, जबकि फर्म आज भी कानूनन दोषी है। वर्मा ने कहा कि जिस फर्म ने झूठा शपथ पत्र देकर टेंडर लिया, उसे भुगतान देना सरासर गलत है। यह भ्रष्टाचार का जीता-जागता उदाहरण है। इस भ्रष्टाचार के खिलाफ हर स्तर पर आवाज उठाई जाएगी।
परिदर ने उठाए सवाल
- क्या झूठा शपथ पत्र देकर टेंडर लेना गंभीर अपराध नहीं?
- दोषी पाए गए कंसल्टेंट को भुगतान देने की मंजूरी क्यों?
- कार्यवाही की सिफारिश करने वाले अधिकारी का तबादला किसके इशारे पर हुआ?
- क्या यह पूरा मामला एक रची गई साजिश और भ्रष्टाचार का हिस्सा है?
UPRVUP | uppcl news today | uppcl news today in hindi | uppcl news | uppcl online] uppcl news today | Electricity Privatisation
यह भी पढें टेनिस कोर्ट पर अर्णव और देवांश का दबदबा, दोहरे खिताब किए अपने नाम