लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। करोड़ों के भ्रष्टाचार के मामले में फंसे भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश जांच एजेंसियों पर भारी पड़ रहे हैं। जांच एजेंसियों का आरोप है कि भ्रष्ट आईएएस अभिषेक प्रकाश जांच में उन्हें बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहे हैं। यही नहीं, वह जांच एजेंसियों के नोटिस का भी जवाब नहीं दे रहे हैं और पता नहीं कहां लापता हो गए हैं, कि एसटीएफ भी इस आईएएस को नहीं ढूंढ पा रही है।
हाल ही में, विजिलेंस विभाग ने अभिषेक प्रकाश को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था, मगर उनके द्वारा पेश न होने के कारण जांच में बाधा उत्पन्न हो रही है। इसके चलते विजिलेंस अब उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट तैयार कर दिया है । इस मामले में पुलिस, विजिलेंस और प्रवर्तन निदेशालय (ED) सहित विभिन्न एजेंसियां सक्रिय हैं और अभिषेक प्रकाश के खिलाफ कई स्तरों पर जांच चल रही है। उनकी गिरफ्तारी की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता, विशेष रूप से यदि वे जांच में सहयोग नहीं करते हैं। इस प्रकरण में विशेष जांच टीम (SIT) ने 1600 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें 50 से अधिक गवाहों के बयान शामिल हैं। चार्जशीट में अभिषेक प्रकाश का नाम स्पष्ट रूप से उल्लिखित है और उनके खिलाफ मोबाइल कॉल रिकॉर्ड, व्हाट्सएप चैट्स और अन्य डिजिटल साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं ।
रिश्वत लेने के लिए हर जगह पाल रखे थे दलाल
आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश वर्तमान में एक बड़े भ्रष्टाचार मामले फरार हैं, जिसमें पुलिस और अन्य जांच एजेंसियां उनके खिलाफ कार्रवाई कर रही हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने इन्वेस्ट यूपी के सीईओ रहते हुए एक सोलर ऊर्जा परियोजना की मंजूरी के लिए 5% कमीशन की मांग की थी। इस मामले में दलाल निकांत जैन को गिरफ्तार किया गया था, जिसने दावा किया कि वह अभिषेक प्रकाश के निर्देश पर यह रिश्वत मांग रहा था ।
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