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साइबर ठगी से आतंकी नेटवर्क को करोड़ों की फंडिंग, दो आरोपी गिरफ्तार

बलरामपुर पुलिस ने बिहार के मधुबनी निवासी दो साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ कि गिरोह ने करीब 50 करोड़ रुपये ठगी कर क्रिप्टोकरेंसी (यूएसडीटी) के जरिए पाकिस्तान और अन्य देशों में बैठे नेटवर्क तक भेजे। यह रकम आतंकी गतिविधियों में खपाई गई।

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Shishir Patel
Cyber Fraud

फाइल फोटो।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । साइबर अपराध के जरिये आतंकी नेटवर्क तक धन पहुँचाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने बिहार के मधुबनी जिले के रहने वाले दो साइबर ठगों को गिरफ्तार कर खुलासा किया है कि गिरोह ने अब तक करीब 50 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की रकम क्रिप्टो करेंसी (यूएसडीटी) के जरिये पाकिस्तान समेत विदेशी नेटवर्क तक भेजी। प्रारंभिक जांच में यह रकम आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल होने की पुष्टि हुई है।एसपी विकास कुमार के निर्देश पर एएसपी/साइबर क्राइम नोडल अधिकारी विशाल पांडेय और सीओ डॉ. जितेंद्र कुमार की देखरेख में विशेष टीम ने जांच की। इसी दौरान साइबर थाना प्रभारी आरपी यादव व थानाध्यक्ष ललिया सत्येंद्र वर्मा ने सोमवार को डिबुआ पुल से मधुबनी निवासी गोलू कुमार और भूषण कुमार चौधरी को गिरफ्तार किया।

पूछताछ में सामने आया कि गिरोह लोनिंग ऐप के जरिए लोगों को फंसाता था

पूछताछ में सामने आया कि गिरोह लोनिंग ऐप के जरिए लोगों को फंसाता था। ऐप डाउनलोड कराने के बाद आधार, पैन व बैंक डिटेल्स अपलोड कराई जाती थीं। पीड़ितों के खाते में थोड़ी रकम भेजकर उनकी निजी जानकारी हासिल की जाती और फिर रिकवरी एजेंट गाली-गलौज व धमकी देकर रकम वसूलते थे। रोजाना औसतन लाखों रुपये एकत्र कर क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर बाइनेंस जैसे प्लेटफॉर्म से विदेश भेजे जाते थे। एजेंट इस प्रक्रिया से 10% कमीशन लेते थे और शेष राशि सरगना तक पहुँचती थी। पकड़े गए दोनों आरोपियों के पास से एक लैपटॉप, पांच एंड्रॉयड मोबाइल फोन, सात आधार कार्ड, नकदी और नेपाली मुद्रा बरामद की गई है। पुलिस ने बताया कि क्रिप्टोकरेंसी यूएसडीटी (टेथर) का इस्तेमाल धन विदेश भेजने के लिए किया गया, क्योंकि इसका मूल्य अपेक्षाकृत स्थिर रहता है और इसे सुरक्षित विकल्प माना जाता है।

अब तक पाँच और साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी

गौरतलब है कि इस गिरोह का सरगना सस्पियर पहले ही दिल्ली से पकड़ा जा चुका है। अब तक पाँच और साथियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। पुलिस और जांच एजेंसियां इस बात की पुष्टि कर चुकी हैं कि बलरामपुर से भेजी गई रकम सीधे पाकिस्तान के नेटवर्क तक पहुँची। कई पाकिस्तानी मोबाइल नंबरों से इसका लिंक भी सामने आया है। फिलहाल मामले की जांच जारी है और पुलिस का कहना है कि आने वाले दिनों में और बड़े खुलासे हो सकते हैं।

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