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यूपी में साइबर सुरक्षा को मिली नई ताकत, डीजीपी ने 1930 कॉल सेंटर का किया उद्घाटन

राज्य में बढ़ते साइबर अपराधों के प्रभावी नियंत्रण हेतु डीजीपी राजीव कृष्णा ने लखनऊ के कल्ली पश्चिम स्थित 1930 नेशनल साइबर हेल्पलाइन नंबर के नवीन कॉल सेंटर का उद्घाटन किया। अब 24x7 पीड़ितों की शिकायत दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।

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Shishir Patel
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डीजीपी ने काल सेंटर का किया उद्घाटन।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता । उत्तर प्रदेश पुलिस ने साइबर अपराध से निपटने के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए 1930 नेशनल साइबरक्राइम हेल्पलाइन नंबर के नए कॉल सेंटर का शुभारंभ किया है। बुधवार को पुलिस महानिदेशक  राजीव कृष्णा ने लखनऊ के कल्ली पश्चिम स्थित डीसीपी दक्षिणी कार्यालय में इस अत्याधुनिक कॉल सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर एडीजी साइबर क्राइम  बिनोद कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में साइबर अपराध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साइबर अपराध को राज्य की आंतरिक सुरक्षा और नागरिकों की निजता के लिए एक गंभीर खतरा मानते हुए इसे सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल किया है। इसी दिशा में डीजीपी द्वारा कार्यभार ग्रहण करने के बाद 10 प्राथमिकताओं में साइबर क्राइम को शीर्ष पर रखा गया।

नवीन कॉल सेंटर की विशेषताएं

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-अब यूपी 112 की मौजूदा 20 सीटों की व्यवस्था के अतिरिक्त 30 सीटों वाला अत्याधुनिक कॉल सेंटर कल्ली पश्चिम में तैयार किया गया है।

-इस केंद्र पर 24x7 प्रशिक्षित पुलिसकर्मी शिकायत दर्ज करेंगे। कुल 94 पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है।

-हर समय 50 कॉल रिसीवर मौजूद रहेंगे जो शिकायतों को तत्काल सिस्टम में दर्ज करेंगे।

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-दर्ज की गई शिकायतें तुरंत संबंधित थाने, साइबर सेल व I4C प्लेटफॉर्म पर दिखने लगेंगी।

-जल्द ही CFMC (Cyber Fraud Mitigation Centre) की स्थापना भी इसी परिसर में होगी, जिससे पुलिस, बैंक व टेलीकॉम अधिकारी एक साथ बैठकर पीड़ितों को त्वरित राहत दे सकें।

नीतिगत बदलाव, 5 लाख की सीमा समाप्त

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अब सभी ऑनलाइन वित्तीय अपराध चाहे वह कितनी भी धनराशि के हों, साइबर थानों में पंजीकृत होंगे। पहले केवल 5 लाख से अधिक के मामलों की ही अनुमति थी।प्रत्येक जोनल मुख्यालय पर एक प्रशिक्षित "साइबर कमांडो" अधिकारी नियुक्त किए जा रहे हैं। अब तक 15 पुलिस कर्मियों ने 6 माह का विशेष प्रशिक्षण पूरा किया है।आईटी एक्ट में संशोधन हेतु शासन से पत्राचार किया गया है, जिससे उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारी भी विवेचक बन सकें। इससे एफआईआर पंजीकरण व निस्तारण की प्रक्रिया तेज होगी।

एफआईआर के बिना धनवापसी की दिशा में पहल

CFCRRMS पोर्टल के जरिए फ्रीज की गई धनराशि को पीड़ित को सिर्फ प्रार्थना पत्र के आधार पर लौटाने का प्रस्ताव हाईकोर्ट में विचाराधीन है।हर जनपद व कमिश्नरेट में एक एएसपी/डीसीपी स्तर के अधिकारी को साइबर अपराधों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।

इस पहल से साइबर अपराध की जांच की गति तेज होगी

प्रदेश स्तर पर त्रिस्तरीय Cyber Investigation & Digital Assistance Lab (मुख्यालय, रेंज और जनपद स्तर पर) स्थापित किए जाएंगे। इससे साइबर अपराध की जांच की गति तेज होगी।प्रदेश में NCTC व CFSL के सहयोग से निरंतर साइबर प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं।अब तक 11,683 पुलिस कर्मियों ने CyTrain पोर्टल से कुल 38,550 साइबर प्रशिक्षण सर्टिफिकेट प्राप्त किए हैं।हर महीने के पहले बुधवार को साइबर जागरुकता दिवस मनाया जा रहा है।ग्राम पंचायतों, नगर निकायों, डिजिटल वालंटियर्स और सामाजिक संगठनों के सहयोग से यह अभियान चलाया जा रहा है।

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