लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में बिजली की मांग ने इस साल नया रिकॉर्ड बनाया है। सोमवार देर रात 11:06 बजे बिजली की अधिकतम मांग 31,100 मेगावाट (MW) तक पहुंच गई। जिसने पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए। हालांकि, जिस तरह से गर्मी बढ़ने के आसार हैं, उससे राज्य में इस बार बिजली की मांग 33 हजार मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है। पावर कारपोरेशन प्रबंधन ने दावा किया है कि भीषण गर्मी के बावजूद वे प्रदेशवासियों को तय शेड्यूल के हिसाब से पर्याप्त बिजली उपलब्ध कराई जा रही है। हालांकि, रिकॉर्ड आपूर्ति के बावजूद लोकल फॉल्ट की वजह से गांवों से लेकर शहर तक लोगों को बिजली कटौती से जूझना पड़ा है।
न्यूनतम मांग 18,831 मेगावाट नहीं हो रही कम
प्रदेश में बिजली की मांग लगातार नए रिकॉर्ड बना रही है। 6 जून को जहां बिजली की मांग मांग 28,581 मेगावाट थी। वहीं 7 जून को यह बढ़कर 29,502 मेगावाट हो गई। 8 जून की रात 11:35 बजे 30,161 मेगावाट का स्तर छू लिया। सोमवार रात 11:06 बजे बिजली की मांग ने नया इतिहास रच दिया। पिछले साल 20 जुलाई को दर्ज किए गए 30,732 मेगावाट के अधिकतम प्रतिबंधित रिकॉर्ड को तोड़ते हुए यह 31,100 मेगावाट पर पहुंच गई। राज्य में बिजली की न्यूनतम मांग भी 18,831 मेगावाट से कम नहीं हो रही है।
फील्ड में सभी कर्मचारी सक्रिय
पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने कहा कि बारिश न होने के कारण भीषण गर्मी के चलते बिजली की मांग रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच रही है। उनका दावा है कि प्रदेशवासियों को उनकी मांग के अनुसार तय शेड्यूल से पर्याप्त बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। गोयल ने बताया कि बिजली आपूर्ति सुचारू बनाए रखने के लिए फील्ड में सभी कर्मचारी सक्रिय हैं। शहरों से लेकर दूर-दराज के गांवों तक हर जगह शेड्यूल के अनुसार बिजली आपूर्ति की जा रही है।
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