लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। गोमती नगर स्थित यूपी दर्शन पार्क में चल रहे समर कार्निवल के सांस्कृतिक मंच पर रंगारंग और मनमोहक प्रस्तुतियां तपती दोपहरी में दर्शकों को शीतलता का अहसास करा रही हैं। इस सांस्कृतिक समागम में देवभूमि उत्तराखंड के लोक नृत्य, गायन और वहां की परंपराएं मंच पर उतरीं तो दर्शक खुद को पर्वतीय अंचल की गोद में महसूस करने लगे। उत्तराखंड के प्रमुख नृत्य, झोलिया झुमैला, जोड़ा, चाचरी और पांडव नृत्य ने पूरे माहौल को पर्वतीय उत्सव में बदल दिया।
उत्तराखंड के रंग में रंगा कार्निवल
हेमा गीता, हेमा जोशी, चंदा देवी, पार्वती देवी, राधा, रीमा, हिमानी, महिमा सिंह, सचिन शर्मा, शोभा सिंह, कंचन पांडे, भूमिका आराध्या, ममता, आर्य, तिरुपति, किशन सिंह ने अपने मनमोहक अंदाज में सांस्कृतिक मंच पर देवभूमि उत्तराखंड का दर्शन कराकर दर्शकों का मन मोह लिया। कार्निवल में 'तुमने विशेष रूप से गुलाबी शरारा', ढाई हाथै धौपेली, ओ छोरी कमला, रामदेई, गमछाला प्रस्तुतियों से माहौल में परंपरागत संगीत की मिठास घुल गई। सांस्कृतिक कार्यक्रम में अदिति मिश्रा, आशीष रावत, आदित्य मिश्रा, दिव्यांशु सिंह, रोहन आनंद ने भी शानदार प्रस्तुतियां दी।
देवभूमि की परंपराएं मंच पर जीवंत
छोलिया नृत्य कुमाऊं मंडल का प्रसिद्ध नृत्य है जो वीर योद्धाओं और उनके साहस का प्रतीक है। झुमैला नृत्य एक प्राकृतिक नृत्य है जो बिना किसी वाद यंत्र से किया जाता है, जोड़ा यह नृत्य गढ़वाल और कुमायूं में किया जाता है। इसमें पुरुष और महिलाएं एक घेरे में हाथ पकड़ कर नृत्य करते हैं। चांचरी विभिन्न देवी देवताओं को समर्पित है। आमतौर से मंदिरों में प्रस्तुत किया जाता है। पांडव नृत्य यह पांडवों के पौराणिक कथाओ से संबंधित है और उत्तराखंड के लगभग हर जगह इनका मंचन होता है।
यह भी पढ़ें- Cricket : अमन की जुझारू पारी हुई बेकार, अशरफी क्लब की जीत
यह भी पढ़े- बिजली निजीकरण के खिलाफ आर-पार की तैयारी, टेंडर जारी होते ही 27 लाख कार्मिक करेंगे सांकेतिक हड़ताल
यह भी पढ़ें- लखनऊ में दो दिन बाद खुले अस्तपालों में उमड़ी मरीजों की भीड़, OPD खुलने से पहले काउंटरों पर लगी कतारें
यह भी पढ़ें- 20 साल की मेहनत रंग लाई : केंद्रीय बागवानी संस्थान ने आम की दो नई किस्में की ईजाद, जानें खासियत
यह भी पढ़ें UP Weather : प्रदेश में आज से तीन दिनों तक 19 जिलों में चलेगी लू, इस दिन से बरसेंगे बादल