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स्मार्ट पीटी टेबल का विमोचन करते डीजीपी राजीव कृष्ण और अन्य।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश पुलिस को आधुनिक प्रशिक्षण से लैस करने की दिशा में आज एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्णा ने लखनऊ स्थित पुलिस प्रशिक्षण निदेशालय में आयोजित कार्यक्रम पुलिस प्रशिक्षण एक नवीन परिदृश्य के तहत कई नई प्रशिक्षण व्यवस्थाओं का शुभारंभ किया। कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ने आॅनलाइन प्रशिक्षण मैनेजमेंट सिस्टम, कर्मयोगी आईगॉट पोर्टल पर साइबर अपराध, विधि विज्ञान, प्राथमिक उपचार व सद्व्यवहार विषयों पर तैयार प्रशिक्षण मॉड्यूल तथा फिजिकल ट्रेनिंग के लिए स्मार्ट पीटी टेबल-2025 का विमोचन किया।
अब प्रशिक्षुओं को सभी विषयों की जानकारी आनलाइन उपलब्ध होगी
इस अवसर पर निदेशालय की महानिदेशक तिलोत्तमा वर्मा ने विस्तार से बताया कि अब प्रशिक्षुओं को इनडोर और आउटडोर सभी विषयों की सामग्री पीपीटी, वीडियो और पीडीएफ स्वरूप में आॅनलाइन उपलब्ध होगी। वहीं, फिजिकल ट्रेनिंग में परंपरागत अभ्यास के बजाय अब वैज्ञानिक प्रणाली आधारित स्पोर्ट्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया द्वारा अनुमोदित मैनुअल के तहत प्रशिक्षण दिया जाएगा।उन्होंने यह भी बताया कि पहली बार 60,000 से अधिक आरक्षियों को एक साथ प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। आईटीआई व पीटीआई प्रशिक्षकों को सीआरपीएफ प्रशिक्षण केंद्रों में मास्टर ट्रेनर बनाया गया।
10 प्राथमिक्ताओं में प्रशिक्षण का भी विशेष स्थान
पुलिस कर्मियों को न्यूट्रीशन व शरीर विज्ञान की जानकारी देकर हेल्थ कोच तैयार किए गए। सभी प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों को संशोधित एवं अपग्रेड किया गया है। अपने उद्बोधन में डीजीपी ने कहा, चार लाख के पुलिस बल में इतने बड़े पैमाने पर प्रशिक्षण एक ऐतिहासिक पहल है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व, मार्गदर्शन और उनकी दूरदृष्टि से उन्होने कई ऐसे निर्णय लिए है, जिसके आधार पर प्रशिक्षण निदेशालय ने डीजी प्रशिक्षण के अभूतपूर्व नेतृत्व में ऐसा इन्फ्रास्टेक्चर तैयार किया है, जो अपने आप में ऐतिहासिक है, जो न केवल पूरे फोर्स की दशा बदलने वाला है, बल्कि पूरे भारत में सर्वश्रेष्ठ है। डीजीपी ने कहा कि उनकी 10 प्राथमिक्ताओं में प्रशिक्षण का भी विशेष स्थान है।
शारीरिक दक्षता के साथ ही कानूनी समझ भी आवश्यक
अत्याधुनिक तकनीक होने के बाद भी यदि आपका प्रशिक्षण उच्चकोटि का नहीं है, तो उसका कोई महत्व नहीं है। पुलिस कर्मियों के लिए केवल शारीरिक दक्षता ही नहीं, बल्कि तकनीकी ज्ञान, कानूनी समझ और संवेदनशीलता भी उतनी ही आवश्यक है। नियमित और आधुनिक प्रशिक्षण प्रत्येक स्तर के पुलिस अधिकारी को अद्यतन, अनुशासित और जनता की आवश्यकताओं के प्रति संवेदनशील बनाता है। वर्तमान में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे 60 हजार आरक्षियों को केवल प्रशिक्षण ही नहीं कराना है बल्कि प्रशिक्षण को इस स्तर पर ले जाना है कि हमारे पुलिस कर्मी अगले 35, 40 वर्षो तक इस महान पुलिस बल का अभिन्न अंग बनकर नागरिको की सेवा तत्परता और लगन के साथ कर सकें।
हमें अनुशासन और ईमानदारी दोनों का रखना है ख्याल रखना
प्रशिक्षण के दौरान हमें अनुशासन और ईमानदारी दोनों का ख्याल रखना है पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश द्वारा इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों एवं पुस्तक का विमोचन करते हुए हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह पहल केवल एक तकनीकी बदलाव नहीं है। यह हमारी सोच हमारी कार्यशैली और हमारी प्रशिक्षण प्रणाली को नई दिशा देने वाली क्रान्ति है, इन नयी व्यवस्थाओं से यूपी पुलिस और अधिक सक्षम, कुशल और प्रभावशाली बनेगा।
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