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नियुक्त आरक्षियों के आधारभूत प्रशिक्षण की समीक्षा बैठक करते डीजीपी राजीव कृष्ण।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।डीजीपी राजीव कृष्ण द्वारा आज यूपी पुलिस में नवनियुक्त 60,244 आरक्षी नागरिक पुलिस का एक साथ 9 माह के आधारभूत प्रशिक्षण को 10 पुलिस प्रशिक्षण संस्थानों तथा 102 स्थायी/अस्थायी जनपदीय/पीएसी आरटीसी (कुल-112 प्रशिक्षण केन्द्रां) में प्रचलित प्रशिक्षण के परिपेक्ष्य में प्रशिक्षण केन्द्रों के प्रभारी अधिकारी सहित समस्त जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक/संस्था प्रमुख/जनपद प्रभारी/ सेनानायक के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की गयी।
इस तरह का प्रशिक्षण भारत ही नहीं पूरे विश्व में हो रहा पहली बार
अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण बीडी पाल्सन द्वारा समीक्षा बैठक की शुरूआत करते हुये पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण से अपने वक्तव्य प्रस्तुत किये जाने का अनुरोध किया गया। पुलिस महानिदेशक प्रशक्षिण यूपी तिलोत्तमा वर्मा ने कहा कि एक साथ 60 हजार से अधिक नवनियुक्त आरक्षियों का प्रशिक्षण भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में पहली बार हो रहा है, अतः इसे सफलतापूर्वक एवं निर्धारित मानक के अनुसार सम्पन्न कराने हेतु पूर्ण मनोयोग एवं दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कार्य करना होगा। प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा अपने पत्र दिनांकित 13 जून के माध्यम से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये जा चुके हैं, जिसका अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।
आधुनिक परिवेश के हिसाब से तकनीकी रूप में बनाया जाए दक्ष
प्रशिक्षुओं को शहर एवं गांव की पुलिसिंग के साथ-साथ आधुनिक परिवेश के हिसाब से तकनीकी रूप दक्ष बनाने हेतु उन्हें फॉरेंसिक, साइबर, सर्विलांस आदि के क्षेत्र में भी प्रशिक्षित कराया जायेगा। आरक्षी ना0पु0 सीधी भर्ती/मृतक आश्रित आधारभूत प्रशिक्षण पाठ्यक्रम-2025 को उत्तर प्रदेश पुलिस अकादमी मुरादाबाद से प्राप्त किया जायेगा। प्रशिक्षण के दौरान यह सुनिश्चित किया जायेगा कि पाठ्यक्रम की प्रतियाँ प्रत्येक रिक्रूट को निःशुल्क प्राप्त करा दी जाये। आधारभूत प्रशिक्षण हेतु समस्त पाठ्य-पुस्तकों सहित अन्य पाठ्य सामग्री कम्प्यूटर पर सॉफ्ट कॉपी में उपलब्ध करायी जाये तथा प्रशिक्षकों को समस्त पाठ्य-पुस्तकें निःशुल्क उपलब्ध करायी जायेंगी। महिला प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण के लिये पर्याप्त महिला पुलिस स्टाफ उपलब्ध कराये जा चुके हैं आवश्यकतानुसार अन्य उपलब्ध करा दिये जायेंगे।
प्रशिक्षण के उपरांत प्रत्येक थाने को मिलेग 25 अतिरिक्त आरक्षी
आनन्द स्वरूप, अपर पुलिस महानिदेशक पीएचक्यू द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि प्रशिक्षण हेतु पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जा चुका है तथा भविष्य में भी आवश्यकतानुसार बजट उपलब्ध कराया जायेगा।डीजीपी राजीव कृष्ण द्वारा समीक्षा बैठक के दौरान अपने संबोधन में कहा गया कि प्रशिक्षण समाप्त होने के उपरांत उत्तर प्रदेश के प्रत्येक थाने पर उत्कृष्ट प्रशिक्षण प्राप्त लगभग 25 अतिरिक्त आरक्षी उपलब्ध हो जायेंगे जो प्रदेश के लिए एक ‘गेम चेंजर’ साबित होगा। उन्होंने कहा कि यह हम सभी के लिए , Once in a lifetime opportunity है जिसे हमे व्यर्थ नहीं करना चाहिये।
वरिष्ठ अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने अनुभव का लाभ दें
नव नियुक्त आरक्षी अगले 30-40 सालो तक न सिर्फ उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए बल्कि समाज के भविष्य में उनकी निर्णायक भूमिका होगी अतः यह आवश्यक है कि समस्त पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, कमांडेंट एवं प्रशिक्षण से जुड़े सभी अधिकारी पूर्ण मनोयोग से उनके सर्वांगीण प्रशिक्षण में रुचि लें।अधिकारियों को संबोधित करते हुए इस बात पर बल दिया कि वरिष्ठ अधिकारी प्रशिक्षुओं को अपने अनुभव का लाभ दें और Exemplary leadership प्रदान करते हुए स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करें। पुलिस महानिदेशक द्वारा निर्देशित किया कि आरक्षियों का उनके पूर्व के स्किल सेट (योग्यता) के आधार पर और कर्मयोगी पोर्टल से प्रशिक्षित होने के उपरांत उनमे विकसित हुए नये स्किल सेट के आधार पर उन्हें वर्गीकृत करते हुए उनका डेटाबेस विकसित करें जो उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए भविष्य में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।
पुलिस लाइन में आयोजित परेड में स्वयं अधिकारी रहे उपस्थित
अधिकारियों को प्रशिक्षुओं को दिए जा प्रशिक्षण का गहन पर्यवेक्षण करने तथा समस-समय पर स्वयं प्रशिक्षण केन्द्रों का भ्रमण करने के लिए निर्देशित किया गया। नवनियुक्त आरक्षियों का प्रशिक्षण उत्तर प्रदेश पुलिस में Professionalism का एक नया युग लाने का एक सुनहरा अवसर है जिसका सभी अधिकारियों को एक Generational apportunity मानते हुए सार्थक रूप से भरपूर उपयोग करना चाहिये।अधिकारियों को निर्देशित किया कि अधिकारी स्वयं उदाहरण प्रस्तुत करते हुए अपनी वर्दी, टर्नआउट एवं आचरण को उत्कृष्ट रखें और पुलिस लाइन में आयोजित परेड में स्वयं उपस्थित रहें।
महिला परीक्षण केंद्रों पर विशाखा कमेटी का हो गठन
सोशल मीडिया पॉलिसी के सम्बन्ध में सभी प्रशिक्षुओं को भली-भांति अवगत कराया जाए एवं इसकी सॉफ्ट तथा हार्ड कॉपी भी वितरित कराई जाए। सोशल मीडिया से सम्बंधित वीडियो क्लिप भी आप लोगों को उपलब्ध करायी जायेंगी, जिसे भी सभी प्रशिक्षुओं को अवश्य दिखाया जाये।महिला प्रशिक्षण केन्द्रों पर सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुपालन में विशाखा कमेटी का गठन अवश्य करा लिया जाये।उन्होंने अपने संबोधन के अंत में यह आशा व्यक्त की कि सभी अधिकारी प्रशिक्षण का एक ऐसा उत्कृष्ट मानक (Bench mark) स्थापित करेंगे जिससे उत्तर प्रदेश पुलिस के लिए यह प्रशिक्षण एक परिवर्तनकारी कारक (Transformational Agent) सिद्ध हो।
प्रशिक्षण में आने वाली समस्याओं त्वरित समाधान का दिया गया निर्देश
वीडियो कांफ्रेंसिंग के अंत में पुलिस महानिदेशक द्वारा ज़ोनवार सभी अधिकारियों से प्रशिक्षण में आने वाली समस्याओं और उनकी जिज्ञासाओं के बारे में पूछा और मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों को उनके त्वरित समाधान के लिए निर्देशित किया साथ ही अपेक्षा की गयी कि जेटीसी एवं आरटीसी में विद्यमान किसी भी अन्य विभाग से संबंधित कार्यों को अंतर विभागीय समन्वय से तत्काल पूर्ण करा लिया जाये।इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक लॉजिस्टिक, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशासन, अपर पुलिस महानिदेशक स्थापना, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवायें, अपर पुलिस महानिदेशक/पुलिस महानिदेशक के जीएसओ सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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