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धनतेरस पर बाजारों में जमकर हुई धनवर्षा Photograph: (Google)
दीपक यादव
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। खुशहाली और सुख-समृद्धि का पर्व दीपोत्सव का आगाज शनिवार को धनतेरस से हो गया। धनतरेस के मौके पर बाजारों में खूब धन बरसा। सराफा, बर्तन बाजार, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो बाजार गुलजार रहा। लोगों ने अपनी सुविधा के अनुसार खरीदारी की। शुभ मुहूर्त देखकर लोगों ने बर्तन, जेवर, वाहन, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद खरीदे। धनतेरस पर शहर भर के बाजार चहक उठे। हर तरफ उल्लास और जश्न सा माहौल दिखा। सुबह से आधी रात तक बाजारों में खरीदारों का हुजूम उमड़ा रहा। सोने-चांदी से लेकर बर्तनों की दुकानों पर सबसे अधिक भीड़ देखी गई। वाहन बाजार की बात करें तो सुबह से ही तमाम शोरूम में लोगों की चहलकदमी शुरू हो गई। दोपहर होते-होते वाहन शोरूम में काफी संख्या में ग्राहक जुट गए।
बाजारों में देर रात तक भीड़ उमड़ी
हजरतगंज, अमीनाबाद, चौक, आलमबाग, गोमतीनगर, महानगर, यहियागंज समेत अन्य बाजारों में देर रात तक भीड़ उमड़ी। सराफा बाजार भी त्योहार पर जगमगा उठा। धनतेरस पर सोना चांदी खरीदना काफी शुभ माना जाता है। बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि ज्यादातर लोग निवेश के हिसाब से भी सोने-चांदी की खरीदारी करते हैं।
इस बार सोना-चांदी की बिक्री में गिरावट
चौक सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जैन और आदीश कुमार जैन ने 'यंग भारत न्यूज' को बताया कि पिछले साल धनतेरस की अपेक्षा इस बार सोने चांदी की बिक्री में गिरावट आई है। इस बार 55.61 करोड़ रुपये का सोना (42 किलो) 14.54 करोड़ रुपये की चांदी (850 किलो) बिकी है। जबकि पिछली बार 1000 किलो चांदी और 52 किलो सोना बिका था। आदीश बताते हैं कि सोना चांदी के बढ़े दामों की वजह से यह गिरावट आई है।
घरों में पहुंचे 100 करोड़ के बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम
लखनऊ मेटल मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीशचंद्र अग्रवाल के मुताबिक, इस बार 100 करोड़ के आसपास के बर्तन और इलेक्ट्रॉनिक आइटम का कारोबार हुआ। जहां शहर वासियों में स्टील, डिजाइनर व पीतल के बर्तनों की अच्छी डिमांड रही, तो वहीं इलेक्ट्रॉनिक एपलाइंसेस भी खूब बिके। हरिश्चन्द्र ने बताया कि बाजार में सुबह की जगह शाम को चहल पहल बढ़ी, जो देर रात तक चली। पिछले धनतेरस 50 करोड़ का कारोबार हुआ था। उन्होंने बताया कि इस बार लोगों का स्टील की अपेक्षा पीतल पर फोकस रहा।
20 करोड़ के ड्राई फ्रूट बिके
शहर के लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर अब ज्यादा सजग हो गए है। लोग मिठाईयों की अपेक्षा ड्राइफ्रूट पर ज्यादा विश्वास कर रहे हैं। यही कारण है कि हर साल ड्राइफुट की मांग ज्यादा बढ़ जाती है। इसी कारोबार से जुड़े होलसेल व्यापारी प्रशांत गर्ग बताते हैं कि लोगों में गिफ्ट पैक देने का भी चलन बढ़ा है, जिसमें मिठाईयों की अपेक्षा ड्राईफ्रूट देना लोग ज्यादा पसंद करते हैं। धनतेरस पर करीब 20 करोड़ रुपये के कारोबार होने की संभावना है।
125 करोड़ के बिक गए कपड़े
सहालग के साथ त्योहार पड़ने से इस बार कपड़े के कारोबार में इस बार फिर 25 प्रतिशत की बढोत्तरी हुई है। पिछली बार धनतेरस पर 100 करोड़ का करोबार हुआ था। इस बार 125 करोड़ के पार हो गया। कपड़ा एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक मोतियानी ने बताया कि लोग जमकर खरीददारी कर रहे हैं। ब्रांडेड, गैर ब्रांडेड सहित रेडीमेड, ड्रेस मेटेरियल और साड़ियों के कारोबार जमकर चला। अशोक बताते हैं कि यह खरीद तो अभी सिर्फ त्योहार को लेकर है। सहालक की खरीददारी तो लोग त्यौहार के बाद करेंगे। उन्होंने शहर में 10 से 12 हजार फुटकर और होलसेल कपड़ा व्यापारी हैं।
10 से 15 करोड़ के बिके फर्नीचर
धनतेरस पर फर्नीचर कारोबार में भी बूम रहीं। शहर भर में लगभग 10 से 15 करोड़ का कारोबार किया। फर्नीचर एसोसिएशन के अध्यक्ष इकबाल हसन की मानें तो धनतेरस पर लोग ज्यादातर अलमीरा, सोफा सेट, डाइनिंग टेबल सहित घर को डेकोरेट करने के लिए फर्नीचर खरीदते हैं। इकबाल बताते है त्योहार पर लोग त्रिवेणी और दुर्गा की अलमीरा बहुत खरीदते हैं लेकिन इस बार शनिवार पड़ने की वजह से लोग लोहे की अलमीरा नहीं खरीद रहे हैं।
Dhanteras 2025 | Dhanteras Shopping
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