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लखनऊ की बिजली आपूर्ति वर्टिकल सिस्टम में बदलने की तैयारी पूरी, आज जारी हो सकता है आदेश

मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने राजधानी की बिजली आपूर्ति को वर्टिकल सिस्टम में बदलने की तैयारी पूरी कर ली है। संभावना है कि आज वर्टिकल सिस्टम लागू करने का औपचारिक आदेश जारी हो जाएगा।

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Deepak Yadav
Electricity Privatisation

लखनऊ की बिजली आपूर्ति वर्टिकल सिस्टम में बदलने की तैयारी पूरी Photograph: (Google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम (MVVNL) ने राजधानी की बिजली आपूर्ति को वर्टिकल सिस्टम में बदलने की तैयारी पूरी कर ली है। यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू होना प्रस्तावित है। सभी चारों जोन में अधिकारियों की तैनाती का खाका भी तैयार हो चुका है। संभावना है कि आज वर्टिकल सिस्टम लागू करने का औपचारिक आदेश जारी हो जाएगा।  मगर, वर्टिकल सिस्टम के पहले दिन से दो-दो अधीक्षण अभियंताओं का काम एक के जिम्मे होगा। दरअसल, मध्यांचल निगम में चार अधीक्षण अभियंताओं का अभाव है। वर्टिकल सिस्टम में सिर्फ दो अधीक्षण अभियंता वाणिज्य और तकनीकी के रूप में पूरी बिजली व्यवस्था और उपभोक्ता सेवा की जिम्मेदारी संभालेंगे।

अधिकारियों पर बढ़ेगा जिम्मेदारी का बोझ

राजधानी के चार जोन अमौसी, लखनऊ सेंट्रल, जानकीपुरम और गोमतीनगर में इस वक्त सिर्फ एक-एक ही अधीक्षण अभियंता हैं। इनमें भविष्य कुमार सक्सेना अमौसी, केके चौधरी लखनऊ सेंट्रल, गीता आनंद जानकीपुरम, प्रेमलता गोमतीनगर जोन की अधीक्षण अभियंता हैं। एक नवंबर से वर्टिकल सिस्टम के लागू होते ही इन्हीं अधिकारियों को वाणिज्य और तकनीकी इकाई की जिम्मेदारी संभालनी होगी। यानी नई व्यवस्था के लागू होने के पहले दिन से अधीक्षण अभियंताओं पर काम का बोझ होगा।

जिनकी जरूरत नहीं मध्यांचल में संबद्ध होंगे

वर्टिकल सिस्टम में वर्तमान के मुकाबले कम अभियंताओं और कर्मियों से बेहतर तरीके से कामकाज करने का दावा किया गया है। वर्टिकल सिस्टम में जिन अभियंताओं एवं कर्मियों की जरूरत नहीं होगी, वह मध्यांचल विद्युत वितरण निगम मुख्यालय संबद्ध होंगे। मध्यांचल निगम की एमडी उनको मुख्यालय में रखें या फिर किसी जिले में तैनाती दें यह उन पर निर्भर होगा।

MVVNL | vertical system | lucknow electricity | uppcl

वर्टिकल व्यवस्था और निजीकरण पर रोक की मांग, सपा सांसद ने सीएम को लिखा पत्र

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। सपा सांसद डॉ एसपी सिंह बघेल ने वर्टिकल व्यवस्था और निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चिट्टी लिखी है। इसमें उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार और उप्र पावर कॉरपोरेशन द्वारा बिजली विभाग में तथाकथित वर्टिकल व्यवस्था लागू करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। यह व्यवस्था प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों कानपुर, बरेली, मेरठ, अलीगढ़ और लखनऊ में चरणबद्ध रूप से लागू की जा रही है। कानपुर, मेरठ, अलीगढ़ और बरेली में लागू वर्टिकल सिस्टम पूरी तरह असफल रहा है। इसके बावजूद 1 नवम्बर से लखनऊ में इसे लागू करने का निर्णय किया गया है, जो अत्यंत चिंताजनक है।

42 जिलों के निजीकरण पर उठाए सवाल

इस व्यवस्था का प्रत्यक्ष उद्देश्य, प्रदेश की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था को सरकारी नियंत्रण से हटाकर निजी घरानों के हवाले करना प्रतीत होता है। पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल के 42 जिलों के निजीकरण का मसौदा पहले से ही तैयार बताया जा रहा है, जिससे यह स्पष्ट है कि यह कदम प्रदेश की 'लाईफ लाइन" को निजीकरण की दिशा में ले जाने वाला है।

निजीकरण के खिलाफ बिजली संगठन मुखर

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति इस नीति का पुरजोर विरोध कर रही है, क्योंकि यह केवल कर्मचारियों का मुद्दा नहीं, बल्कि किसानों, मजदूरों, छात्रों तथा आम नागरिकों, समूचे जनमानस के हितों से जुड़ा हुआ प्रश्न है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सार्वजनिक वि‌द्युत व्यवस्था को निजीकरण की ओर ले जाने वाली इस वर्टिकल व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए, ताकि प्रदेश की जनता के हित, सुरक्षा एवं सुविधा बनी रह सके।

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