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स्मार्ट प्रीपेड मीटर में बड़ा गोलमाल Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में नए बिजली कनेक्शन के साथ लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर के दाम को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं। राज्य विद्युत उपभोक्ता ने दावा किया है कि प्रदेश के जिन सिंगल फेज स्मार्ट प्रीपेड मीटर की कीमत 6016 रुपये ली जा रही है, महाराष्ट्र में उसके दाम 2610 रुपये हैं। यहां थ्री फेज मीटर 11,342 रुपये में दिए जा रहे हैं, जबकि महाराष्ट्र में इसकी कीमत 4050 रुपये है। ऐसे में सूबे की जनता से सस्ते मीटरों के ज्यादा दाम वसूले जा रहे हैं।
निजी कंपनियों को दी जा रही छूट
उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पावर कॉपोरेशन के चेयरमैन ने हाल ही में दिए गए एक बयान में सिंगल फेस मीटर की कीमत 8000 रुपये से ज्यादा करने की बात कही है। इतना ही नहीं निजी कंपनियों को छूट दी जा रही है। जिन निजी कंपनियों को टेंडर दिए गए, उन्हें नियमानुसार 10 प्रतिशत परफॉर्मेंस गारंटी जमा करनी थी, लेकिन उनकी खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर अगस्त 2023 में कॉरपोरेशन ने इसे सिर्फ 3 प्रतिशत कर दिया। करोड़ों का लाभ निजी कंपनियों को पहुंचाया गया, लेकिन आम जनता को कोई राहत नहीं दी गई।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
परिषद अध्यक्ष ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की टेंडर प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खरीद को घोटाला बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने 18,845 करोड़ रुपये की योजना अनुमोदित की थी, जबकि पावर कॉरपोरेशन ने 27,342 करोड़ रुपये का टेंडर किया है। यह कुल लागत से करीब 8,500 करोड़ रुपये अधिक है। उन्होंने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग उठाई है।
उपभोक्ता परिषद मांगें
स्मार्ट प्रीपेड मीटर की वसूली तुरंत बंद की जाए।
8500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त लागत की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।
उपभोक्ताओं से पहले वसूली गई राशि को वापस किया जाए।
निजी कंपनियों को अनुचित रियायतें देने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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