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साइबर जागरूकता कार्यशाला का शुभारंभ करते डीजीपी।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने आज कमिश्नरेट कानपुर नगर पुलिस द्वारा एचबीटीयू (हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी), कानपुर में आयोजित साइबर जागरूकता एवं महिला सशक्तिकरण कार्यशाला का शुभारंभ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया। इस अवसर पर पुलिस कमिश्नर कानपुर नगर रघुबीर लाल, जिलाधिकारी कानपुर नगर, व्यापार मंडल के सदस्य, औद्योगिक संगठन, बैंक अधिकारी, एनजीओ प्रतिनिधि, शिक्षक, छात्र-छात्राएं तथा पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारीगण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
सोशल मीडिया पर युवाओं की सक्रियता में बढ़ी
डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि यह कार्यशाला समय की मांग और समाज की सुरक्षा से जुड़ा अत्यंत उपयोगी प्रयास है। उन्होंने कहा कि डिजिटल युग में साइबर उपयोग जीवन की अनिवार्य आवश्यकता बन चुका है, किंतु इसके साथ साइबर अपराधों का दायरा भी तेजी से बढ़ रहा है।उन्होंने बताया कि कोविड काल के बाद ई-कॉमर्स में लगभग 60 से 70 प्रतिशत वृद्धि दर्ज की गई है और सोशल मीडिया पर युवाओं की सक्रियता में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई है। परंतु इसी के साथ ऑनलाइन ठगी, फेक प्रोफाइलिंग, साइबर बुलिंग और डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं।
बच्चे ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया की लत का शिकार हो रहे
डीजीपी ने कहा डिजिटल अरेस्ट एक उभरता हुआ साइबर अपराध है, जिसमें सभ्रांत नागरिक भय या लालच में फँसकर जीवन भर की कमाई गंवा रहे हैं। अधिकांश लोग लालच, भय और लापरवाही के चलते साइबर ठगी का शिकार होते हैं। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि साइबर अपराध का शिकार होने पर तत्काल 1930 पर कॉल करें और गोल्डन टाइम फ्रेम के भीतर सही जानकारी दें, ताकि धन की रिकवरी संभव हो सके।उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे ऑनलाइन गेमिंग और सोशल मीडिया की लत का शिकार हो रहे हैं, जिससे पारिवारिक व मानसिक प्रभाव भी पड़ रहा है। इसलिए बच्चों को साइबर गेमिंग के दुष्प्रभावों से सावधान करना अभिभावकों की जिम्मेदारी है।
सुरक्षित डिजिटल उत्तर प्रदेश तभी बनेगा जब जनता और पुलिस साथ हों
डीजीपी ने थाना प्रभारियों से भी आग्रह किया कि वे यह धारणा त्यागें कि साइबर अपराध की जांच कठिन है। उन्होंने कहा कि यदि कोई अधिकारी इसे सीखने का संकल्प ले, तो साइबर विवेचना पारंपरिक जांच से भी अधिक सरल और त्वरित हो सकती है।उन्होंने कहा कि साइबर अपराध से बचाव के लिए नागरिक मजबूत पासवर्ड, अपडेटेड सॉफ्टवेयर और सतर्कता अपनाएं। उन्होंने यह भी दोहराया कि उत्तर प्रदेश पुलिस नागरिक-केंद्रित, त्वरित और पारदर्शी साइबर कानून प्रवर्तन के लिए प्रतिबद्ध है।डीजीपी ने अंत में कहा, सुरक्षित डिजिटल उत्तर प्रदेश तभी बनेगा जब जनता और पुलिस साथ हों। यूपी पुलिस हर नागरिक को सुरक्षित डिजिटल जीवन प्रदान करने के मिशन पर निरंतर अग्रसर है।
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