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डा. शाहीन को लेकर बड़ा खुलासा ।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) ने जांच में खुलासा किया है कि डॉ. शाहीन ने हमदर्द का दिखावा करते हुए न केवल मेडिकल छात्रों को प्रभावित किया बल्कि मुस्लिम मरीजों को भी अपने उद्देश्यों के लिए ब्रेनवॉश करने की कोशिश की। शुरुआती जांच में उनके इन गतिविधियों के सुराग मिले हैं।एटीएस सूत्रों के अनुसार, डॉ. शाहीन का यह नेटवर्क युवाओं को आतंकवादी संगठनों की ओर प्रेरित करने और उन्हें कट्टरपंथी विचारों में डालने की साजिश का हिस्सा था। उनकी इस गतिविधि का पता लगाना खुफिया एजेंसियों के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
कई राज्यों से कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था
यह पहला मामला नहीं है जब डॉक्टरों की आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता सामने आई हो। अगस्त 2024 में दिल्ली पुलिस ने यूपी एटीएस, राजस्थान और झारखंड पुलिस के सहयोग से आतंकियों के बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया था। उस समय रांची का डॉ. इश्तियाक अहमद, जो गिरोह का सरगना था, गिरफ्तार किया गया।खुफिया एजेंसियों ने ‘अलकायदा इन इंडियन सब कॉन्टिनेंट’ नामक मॉड्यूल का खुलासा किया था, जिसके तहत कई राज्यों से कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। यह मॉड्यूल युवाओं को कट्टरपंथी विचारों की ओर मोड़ने और आतंकवादी गतिविधियों में शामिल करने का काम करता था।
डॉ. शाहीन ने पेशेवर रूप से अपने मरीजों और छात्रों को प्रभावित किया
एटीएस अब डॉ. शाहीन के संपर्क, गतिविधियों और उसके सहयोगियों की गहन जांच कर रही है। एजेंसी का लक्ष्य है कि उसकी पूरी साजिश और नेटवर्क का पता लगाया जाए। शुरुआती जांच में ही यह स्पष्ट हो गया है कि डॉ. शाहीन ने पेशेवर रूप से अपने मरीजों और छात्रों को प्रभावित किया।एटीएस अधिकारियों का कहना है कि इस तरह की घटनाएं देश की सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती पेश करती हैं। ऐसे मामलों को रोकने और जिम्मेदारों को कानून के कटघरे में लाने के लिए एजेंसियां लगातार सतर्क हैं।
विदेश में पढ़ाई करने वाली लड़कियों का ब्रेनवॉश करती थी शाहीन
सूत्रों का कहना है कि विदेश में पढ़ाई करने वाली लड़कियों से शाहीन ऑनलाइन बात करती थी। वह उन्हें जमात उल मोमिनात से जोड़ने लिए ब्रेनवॉश करती थी। वह छात्राओं से ऑनलाइन गाइडेंस के नाम पर संपर्क करती थी। धीरे-धीरे हमदर्दी जताने के बहाने वह उन्हें संदिग्ध गतिविधियों में जोड़ लेती थी। बताया जा रहा है कि शाहीन ने कई बार जम्मू-कश्मीर का दौरा भी किया था। शाहीन का काम आतंकियों को लॉजिस्टिक सपोर्ट देने का था।आतंकी कनेक्शन मामले में गिरफ्तार की गई डॉ. शाहीन का आमना-सामना उसके भाई डॉ. परवेज से कराया जाएगा। अभी दोनों से अलग अलग पूछताछ की गई है। इसके बाद दोनों से एक साथ पूछताछ होगी। इसी मामले में गिरफ्तार डॉ. मुजम्मिल से भी परवेज के कनेक्शन के बारे में जानकारी की जाएगी।
गिरफ्तार डॉ. शाहीन के स्कूल कनेक्शन पर मोहल्ले में हलचल
आतंकवादी कनेक्शन के आरोप में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के पुराने स्कूल संबंधों ने खंदारी बाजार मोहल्ले में चर्चा का विषय बना दिया है। स्थानीय लोग और आसपास के निवासी यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या शाहीन वास्तव में लालबाग गर्ल्स इंटर कॉलेज से 12वीं तक पढ़ाई कर चुकी थीं।मोहल्ले में चर्चा है कि शाहीन का घर कॉलेज से महज 50 मीटर की दूरी पर स्थित है। इस वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि उन्होंने 1995 से 1997 के बीच हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की पढ़ाई यहीं से की होगी। गिरफ्तारी के बाद से ही कॉलेज परिसर में छात्राएं और शिक्षिकाएं भी शाहीन की चर्चा में जुटीं।
स्कूल रिकॉर्ड की जांच जारी
कॉलेज प्रशासन अब पुराने रिकॉर्ड खंगाल रहा है ताकि यह पुष्टि की जा सके कि शाहीन वास्तव में यहां पढ़ी थीं या नहीं। प्रधानाचार्य एन. श्रीवास्तव ने बताया कि यदि शाहीन की पढ़ाई यहीं हुई थी, तो यह घटना 25-30 साल पहले की होगी। उनके अनुसार, पुराने रिकॉर्ड में शाहीन का नाम खोजा जा रहा है, लेकिन फिलहाल कोई सटीक साक्ष्य नहीं मिला है।कॉलेज के एक कर्मचारी ने बताया कि विद्यालय में उपलब्धियों का बोर्ड हर साल की मेधावी छात्राओं के नाम से भरा होता है, लेकिन शाहीन का नाम इसमें नहीं दिखाई देता। इसके बावजूद प्रशासन और स्थानीय लोग यह पता लगाने में जुटे हैं कि शाहीन ने अपने स्कूल जीवन में कौन-कौन सी गतिविधियों में हिस्सा लिया था।
शाहीन के आतंकी कनेक्शन की गहन पड़ताल जारी
मोहल्ले के लोग और स्कूल के पुराने छात्र-छात्राएं इस मामले से हैरान हैं। किसी को यकीन नहीं हो रहा कि अनुशासन और देशभक्ति के मूल्यों पर पढ़ाने वाले उनके स्कूल की कोई पूर्व छात्रा देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त हो सकती है। कई पुराने शिक्षिकाओं ने भी कहा कि उन्हें शाहीन का नाम याद नहीं है।स्थानीय निवासी यह भी बता रहे हैं कि मोहल्ले में यह खबर फैलते ही लोग चौकन्ने हो गए हैं और स्कूल के आस-पास हलचल बढ़ गई है। कई लोग शाहीन के बचपन, स्कूल के दिनों और उसके व्यवहार के बारे में जानने की कोशिश कर रहे हैं।हालांकि, स्कूल प्रशासन और स्थानीय लोगों की जांच केवल जानकारी जुटाने तक सीमित है। वास्तविक जांच एटीएस और खुफिया एजेंसियों कर रही हैं, जो डॉ. शाहीन के आतंकी कनेक्शन और गतिविधियों की गहन पड़ताल कर रही हैं।
दो माह पहले लखनऊ आई थी शाहीन
उच्चपदस्थ सूत्रों के मुताबिक, डॉ. शाहीन सिद्दकी लगभग दो माह पहले राजधानी आई थीं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका कि वह कहां रुकीं और किन लोगों के संपर्क में थीं।सूत्रों ने बताया कि शाहीन के लखनऊ आगमन की जानकारी जम्मू-कश्मीर पुलिस को भी दे दी गई है। इसके बाद जांच एजेंसियां लखनऊ में उसके पड़ोसियों और परिचितों से नई पूछताछ कर रही हैं। पड़ोसियों से मिली जानकारियों का इस्तेमाल यह पता लगाने के लिए किया जा रहा है कि शाहीन का राजधानी आगमन किसी आतंकी गतिविधि से जुड़ा था या नहीं।डॉ. शाहीन और उनके संपर्कों के बारे में पड़ोसियों से पूछताछ की जा रही है। एजेंसियों का उद्देश्य यह पता लगाना है कि शाहीन लखनऊ में किसके साथ मिली, किन स्थलों पर गई और राजधानी आने के दौरान उसके गतिविधियों का स्वरूप कैसा था।
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एटीएस की कार्रवाई से दहशत, डॉ. शाहीन के घर के बाहर सन्नाटा
दिल्ली धमाके की जांच में लखनऊ के आईआईएम रोड और लालबाग स्थित डॉ. शाहीन व डॉ. परवेज के घरों पर हुई एटीएस की छापेमारी के बाद इलाकों में खामोशी छाई रही। बुधवार को पूरे दिन मोहल्ले में सन्नाटा पसरा रहा और लोग घरों से बाहर नहीं निकले।लालबाग के खंधारी बाजार में डॉ. शाहीन के पिता सईद अंसारी और भाई मोहम्मद शोएब घर में बंद रहे, जबकि मकान के बाहर सादे कपड़ों में पुलिसकर्मी तैनात रहे। आसपास के लोगों में एटीएस की कार्रवाई को लेकर दहशत का माहौल है।वहीं, आईआईएम रोड स्थित मुतक्कीपुर में डॉ. परवेज के घर पर भी सन्नाटा रहा। फॉरेंसिक टीम द्वारा बरामद लैपटॉप की जांच जारी है। पुलिस ने दोनों इलाकों में निगरानी बढ़ा दी है।
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