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डॉ. शाहीन
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी दिल्ली में बम धमाकों की योजना बनाने वाले जैश-ए-मोहम्मद के फरीदाबाद माड्यूल के प्रमुख सदस्य डॉ. शाहीन के खिलाफ जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। एनआईए, दिल्ली पुलिस, आईबी और एटीएस की संयुक्त टीमें लगातार पूछताछ कर रही हैं, जिससे खुलासा हुआ कि डॉ. शाहीन ने पाकिस्तान, मलेशिया, तुर्की, यूएई, मालदीव और बांग्लादेश सहित कई देशों में अपने नेटवर्क को मजबूत कर लिया था।
सार्वजनिक स्थानों पर धमाके की बनाई थी योजना
जांच के अनुसार, डॉ. शाहीन फरीदाबाद माड्यूल के अन्य प्रमुख सदस्यों डॉ. आदिल, डॉ. परवेज, डॉ. आरिफ और डॉ. फारुखके संपर्क में थी। इन सभी की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में यह जानकारी मिली कि उनके द्वारा दिल्ली में कई सार्वजनिक स्थानों और धार्मिक स्थलों पर बम धमाके करने की योजना बनाई गई थी। डॉ. शाहीन ने विदेश भागने की योजना को ध्यान में रखते हुए वीजा के लिए आवेदन भी किया था, ताकि हमले के बाद किसी अन्य देश में शरण ले सके।
देशभर में ऐसे संदिग्धों की संख्या 1000 से अधिक
जांच एजेंसियों ने यह भी पता लगाया कि यूपी में कार्यरत करीब 200 डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स डॉ. शाहीन के संपर्क में थे। देशभर में ऐसे संदिग्धों की संख्या 1000 से अधिक है। जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य राज्यों की एजेंसियां लगातार इनकी गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। केवल वही लोग हिरासत में लिए जा रहे हैं, जिन्हें संदिग्ध माना गया है।विशेष जांच में यह सामने आया कि डॉ. शाहीन ने अपने भाई डॉ. परवेज को भी कट्टरपंथ की ओर मोड़ने का प्रयास किया। उसे हथियारों की आपूर्ति और नेटवर्क से जुड़े डॉक्टरों को संदेश भेजने का काम सौंपा गया।
2021 में डॉ. परवेज मालदीव भी गया था
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2021 में डॉ. परवेज मालदीव भी गया था। उसके बाद डॉ. शाहीन ने उसे ‘ब्रेनवॉश’ किया और उसने अपनी पहचान व हुलिया भी बदल लिया। एजेंसियों ने यह भी पाया कि डॉ. परवेज बिना इंटरनेट वाले मोबाइल का उपयोग करता था ताकि उसकी गतिविधियों को ट्रेस न किया जा सके।जांच में यह भी सामने आया कि फरीदाबाद माड्यूल विशेष रूप से दिल्ली और बड़े धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने की योजना बना रहा था। अधिकारियों के मुताबिक, जैश-ए-मोहम्मद पेशेवर प्रोफेशनल्स पर भरोसा करता है, और इसी वजह से यह माड्यूल तैयार किया गया।
जेल में बंद आतंकियों के बारे में भी जुटाई जा रही जानकारी
एटीएस की टीमों में से एक दिल्ली में पूछताछ के लिए भेजी जा चुकी है, जबकि दूसरी टीम श्रीनगर में सक्रिय है। जम्मू-कश्मीर पुलिस भी राज्य और केंद्र के अन्य क्षेत्रों में जैश के स्लीपिंग माड्यूल्स, उनकी मददगार नेटवर्क और जेल में बंद आतंकियों के बारे में जानकारी जुटा रही है।अधिकारियों का कहना है कि फरीदाबाद माड्यूल का नेटवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैलाया गया था, और इसे रोकने के लिए कई देशों के साथ समन्वय किया जा रहा है। एनआईए और एटीएस की टीमें लगातार सभी डिजिटल और फिजिकल सबूतों की जांच कर रही हैं ताकि जैश-ए-मोहम्मद के इस माड्यूल को पूरी तरह से ध्वस्त किया जा सके।
जांच एजेंसियों ने कश्मीर मूल छात्रों और शिक्षकों पर बढ़ाई नजर
लखनऊ में आतंकवाद से जुड़ी कार्रवाई के सिलसिले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के भाई डॉ. परवेज के संपर्कों की जांच तेज कर दी गई है। शुरुआती छानबीन में पता चला है कि परवेज का संबंध राजधानी में रहने वाले कुछ कश्मीरी मूल के लोगों से रहा।इसके बाद, लखनऊ के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में जम्मू-कश्मीर के छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के बारे में जानकारी जुटाने का काम शुरू कर दिया गया है। स्थानीय अभिसूचना इकाई (एलआईयू) को इस संबंध में ब्योरा एकत्र करने की जिम्मेदारी दी गई है।
परवेज कई वॉट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनल पर सक्रिय था
जांच में यह भी देखा जा रहा है कि परवेज अपने कार्यकाल के दौरान इंटीग्रल यूनिवर्सिटी में किन लोगों से मिलता था। उसके घर से जब्त मोबाइल और कॉल रिकॉर्ड भी खंगाले जा रहे हैं। विश्वविद्यालय ने पहले ही एटीएस को जम्मू-कश्मीर के छात्रों की सूची सौंप दी है, और अब अन्य शिक्षण संस्थानों में भी यह पड़ताल जारी है।सूत्रों के अनुसार, परवेज कई वॉट्सएप ग्रुप और टेलीग्राम चैनल पर सक्रिय था और इन माध्यमों से महत्वपूर्ण सूचनाओं का आदान-प्रदान करता था। उसकी करीबी जानकारियों वाले कुछ लोग भी अब पुलिस की निगरानी में हैं और उनसे पूछताछ की तैयारी चल रही है।
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