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लखनऊ में मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित आवास पर ईडी की कार्रवाई।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बुधवार को रियल एस्टेट सेक्टर में धोखाधड़ी के आरोपों से घिरे रोहतास ग्रुप पर शिकंजा कसते हुए लखनऊ और दिल्ली में कुल आठ स्थानों पर एक साथ छापेमारी की। इस कार्रवाई में ईडी को निवेशकों से जुड़े घोटाले के अहम दस्तावेज, बैंकों के संदिग्ध लेनदेन और राजधानी के एक चर्चित ज्वेलर्स से कथित सांठगांठ के पुख्ता प्रमाण हाथ लगे हैं।सूत्रों के अनुसार, रोहतास ग्रुप के खिलाफ धोखाधड़ी के कई मामले पहले से ही दर्ज हैं। लखनऊ पुलिस अब तक कंपनी की लगभग 116 करोड़ रुपये की संपत्तियां जब्त कर चुकी है। वहीं, कंपनी के संचालकों के खिलाफ सीबीआई भी अलग-अलग मामलों में जांच कर रही है।
2021 में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज हुआ था केस
ईडी अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2021 तक कंपनी के खिलाफ 48 मुकदमे दर्ज थे, जिनके आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की गई। वर्तमान में मुकदमों की संख्या बढ़कर 87 हो चुकी है, जिनमें ज्यादातर शिकायतें रिहायशी और वाणिज्यिक संपत्तियों के खरीदारों ने दर्ज कराई हैं।
UP RERA की रिपोर्ट में 248 करोड़ की धोखाधड़ी का खुलासा
यूपी रेरा द्वारा कराए गए फॉरेंसिक ऑडिट में यह सामने आया कि कंपनी ने निवेशकों के साथ लगभग 248 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के फंड्स का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया गया और तय समयसीमा में प्रोजेक्ट पूरे नहीं किए गए।
प्रमोटर अब भी फरार, ईडी जुटा रहा पुख्ता सबूत
कंपनी के तीनों प्रमोटर पीयूष रस्तोगी, परेश रस्तोगी और दीपक रस्तोगी फिलहाल फरार हैं। बुधवार को ईडी ने राजधानी के मदन मोहन मालवीय मार्ग स्थित इनके आवास, अन्य छह ठिकानों और दिल्ली स्थित दफ्तर व आवास की तलाशी ली। अधिकारियों का कहना है कि संपत्तियों की जब्ती से पहले पुख्ता सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं, ताकि अदालत में केस को मजबूत किया जा सके।
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