लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। नवाबों के शहर लखनऊ की बात ही नवाबी है। अब ईद-उल-अजहा के पर्व पर कुर्बानी के जानवरों के लिए ही 450 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए। दुबग्गा और खदरा पुल के नीचे लगी बकरा मंडी में ही बीते छह दिनों में 40 करोड़ रुपए से ज्यादा के बकरों की खरीदारी की गई है।
दुबग्गा के बकरा बाजार में तुर्की नस्ल का दुम्बा लाला नाम का बकरा 1.60 लाख रुपए में बिका। सुल्तानपुर जिले के जय प्रकाश 140 किग्रा के भारी भरकम दुम्बा लाला को लेकर मंडी आए थे।
ऐसे ले सकते हैं कुर्बानी का हिस्सा
शहर में कई जगहों पर मोहल्ला कमेटियों, नदवा, बिल्लोच्चपुरा आदि जगहों पर बड़े जानवरों में हिस्सा लेने की व्यवस्था की गई है। शहर में 3000 रुपए से 4000 रुपए में कुर्बानी का हिस्सा लिया जा सकता है। इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने बताया कि साल 2011 की जनगणना के मुताबिक लखनऊ की कुल आबादी करीब 45 लाख है। इसमें 21 प्रतिशत मुस्लिम हैं। इनकी आबादी करीब 9.50 लाख है। इसमें से 30 प्रतिशत यानी तीन लाख लोग कुर्बानी के लिए बकरा खरीदते हैं। एक बकरे की औसत कीमत 15 हजार रुपए मान ली जाए तो कुर्बानी के बाजार को कुल कारोबार 450 करोड़ तक चला जाता है।
देर रात तक जगमगाते रहे बाजार
अमीनाबाद, मौलवीगंज, नक्खास, खदरा, डालीगंज, निशातगंज आदि बाजारों में शुक्रवार देर रात तक रौनक छाई रही। महिलाएं सजने संवरने के लिए चूड़ियां, कंगन, कपड़ों की खरीदारी करती दिखीं। वहीं, खानपान का स्वाद लेने वाले भी देर रात तक रौनक का लुत्फ उठाते रहे।
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