लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में बढ़ती बिजली की मांग को देखते हुए राज्य सरकार बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगी। वर्तमान में 36,191 मेगावाट (MW) की कुल अनुबंधित क्षमता को बढ़ाकर अगले पांच वर्षों में 60,985 मेगावाट किया जाएगा। इसमें 12,005 मेगावाट तापीय बिजली का ही उत्पादन बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही ट्रांसमिशन की क्षमता में भी 74 हजार मेगावोल्ट एम्पीयर (MVA) से अधिक की बढ़ोतरी की जाएगी। इस बीच बिजली व्यवस्था सुधारने के लिए निजीकरण की दिशा में भी सरकार तेजी से आगे बढ़ेगी।
बिजली उत्पादन क्षमता बढ़कर 25 हजार मेगावाट हुई
प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने शुक्रवार को चंडीगढ़ में केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में आयोजित उत्तरी क्षेत्र के ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में कहा कि यूपी में पिछले आठ साल में बिजली उत्पादन क्षमता क्षमता 15 हजार मेगावाट से बढ़कर 25 हजार मेगावाट हुई है। साथ ही विद्युत उपकेंद्रों की क्षमता भी 39,159 मेगावाट से बढ़कर 1,99,500 मेगावाट हो गई है। ट्रांसमिशन लाइनों की लंबाई भी 7,502 सर्किट किलोमीटर से बढ़कर 62,483 सर्किट किलोमीटर हो चुकी हैं। शर्मा ने कहा कि पिछले चार वर्षों से दूसरे राज्यों की तुलना में यूपी ने ज्यादा विद्युत आपूर्ति का रिकार्ड बनाया है। प्रदेश में तापीय बिजली की कुल उत्पादन क्षमता अब 8500 मेगावाट हो गई है जो कि वर्ष 2017 में लगभग 5100 मेगावाट थी।
दो ग्रीन एनर्जी कारिडोर परियोजनाओं में यूपी शीर्ष पर
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि यूपी आरडीएसएस योजना के क्रियान्वयन के साथ ही ग्रीन एनर्जी कारिडोर-दो परियोजना के कार्यान्वयन में भी प्रदेश देश का शीर्ष राज्य है। परियोजना के तहत राज्य चार गीगावाट की हरित ट्रांसमिशन क्षमता स्थापित कर रहा है। राज्य ने ग्रीन एनर्जी कारिडोर-तीन परियोजना भी भारत सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया है, जिसमें 17 गीगावाट क्षमता और 2200 किमी से अधिक हरित विद्युत ट्रांसमिशन लाइनों का प्रविधान है।
बिजली निजीकरण की औपचारिकताएं तेजी से हो रहीं पूरी
एके शर्मा ने कहा कि अब राज्य का 17 हजार मेगावाट से अधिक आंतरिक बिजली का उत्पादन है। उमस भरी गर्मी के चलते जुलाई से सितंबर के बीच बिजली की अनुमानित अधिकतम मांग 32,500 मेगावाट को पूरा करने के लिए 94 प्रतिशत बिजली की व्यवस्था कर ली गई है। शेष बिजली ऊर्जा एक्सचेंजों के माध्यम से ली जाएगी। प्रदेश के पूर्वांचल व दक्षिणांचल डिस्काम के 42 जिलों की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को निजी हाथों में देन के संबंध में तेजी से औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं।
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