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बिजली निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन करते कर्मचारी Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचा​री एक बार फिर सड़क पर उतरने को तैयार हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान पर कर्मचारी प्रदेशव्यापी अभियान चलाएंगे। काकोरी क्रांति के 100 साल पूरा होने पर यह अभियान शुक्रवार से 15 अगस्त तक चलेगा। इसके जरिए किसानों, गरीब और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं को निजीकरण से होने वाले नुकसान से अवगत कराया जाएगा। लखनऊ में दोपहर एक बजे से रेजीडेंसी, लेसा मुख्यालय पर विरोध सभा होगी। इसके बाद कर्मचारी तिरंगा लेकर शहीद स्मारक पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।
निजीकरण से बढ़ जायेंगे बिजली के दाम
समिति के पदाधिकारियों संजय सिंह चौहान, जितेन्द्र सिंह गुर्जर, गिरीश पांडेय और महेन्द्र राय ने बृहस्पतिवार को कहा कि कारपोरेट घरानों के लिए बिजली व्यापार है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अन्तर्गत आने वाले 42 जनपदों की बिजली कारपोरेट घरानों के हवाले कर देना, प्रदेश के विकास के साथ सबसे बड़ा खिलवाड़ है। बिजली कर्मचारी नेताओं ने दावा किया कि निजीकरण के बाद विद्युत दरें बढ़कर तीन गुणा हो जाएंगी।
बिजली दरों में 45 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव
समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि पावर कारपोरेशन ने निजी घरानों को सहूलियत देने के लिए बिजली दरों में 45 प्रतिशत तक का इजाफा करने का प्रस्ताव नियामक आयोग को भेजा है। इस प्रस्ताव से ही घरेलू बिजली की दरें 13 रुपये प्रति यूनिट तक हो जायेंगी। उन्होंने कहा कि लगभग एक लाख करोड़ रुपये की परिसम्पत्तियों को मात्र 6500 करोड़ रूपये की रिजर्व प्राइस पर बेचने का आरएफपी डॉक्यूमेंट पॉवर कारपोरेशन प्रबंधन ने तैयार किया है। इसके अलावा 42 जनपदों की जमीन मात्र एक रुपये की लीज पर निजी घरानों को दी जायेगी।
​निजीकरण के खिालफ प्रदर्शन जारी
दुबे ने कहा कि 'भारत छोड़ो आन्दोलन' की तर्ज पर चलाए जाने वाले 'कारपोरेट सेक्टर सार्वजनिक क्षेत्र में पावर सेक्टर छोड़ो' अभियान में कर्मचारी जनता को निजीकरण के पीछे हो रही लूट से अवगत करायेंगे। उन्होंने बताया कि निजीकरण के खिलाफ 253वें दिन विरोध प्रदर्शन जारी रहा। आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद, हरदुआगंज, जवाहरपुर, परीक्षा, पनकी, ओबरा, पिपरी और अनपरा में कर्मचारियों ने आवाज बुलंद की।
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