Advertisment

Electricity Privatisation : छह महीने से धूल खा रहा निजीकरण का मसौदा, फिर सवालों के घेरे में प्रक्रिया

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि निजीकरण मसौदे के आंकड़ों में गंभीर हेरफेर किया गया है। इसका भंडाफोड़ होने पर यह ऊर्जा विभाग का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार साबित होगा।

author-image
Deepak Yadav
electricity privatisation

फिर सवालों के घेरे में निजीकरण प्रक्रिया Photograph: (Google)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रकिया एक बार फिर सवालों के घेरे में है। जनवरी 2025 से शुरू हुई इस प्रक्रिया को 36 सप्ताह में पूरा करके सितंबर तक चयनित बोलीदाता को दोनों डिस्कॉम हस्तांतरित करना था। लेकिन बिजली संगठन, कर्मचारियों और राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के कड़े विरोध के चलते प्रकिया को आगे बढ़ाना पावर कारपोरेशन के लिए बड़ी चुनौती है।

निजीकरण मसौदा भ्रष्टाचार का पुलिंदा

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने आरोप लगाया कि निजीकरण मसौदे के आंकड़ों में हेरफेर किया गया है। इसका भंडाफोड़ होने पर ऊर्जा विभाग का यह सबसे बड़ा भ्रष्टाचार साबित होगा। उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन की ओर से तैयार किया गया निजीकरण का मसौदा भ्रष्टाचार का पुलिंदा है, जो अब फाइलों में दर्ज हो गया है। वर्मा ने चेतावती दी कि जैसे ही इसकी जांच होगी, भ्रष्टाचार की परते एक-एक करके खुल जाएंगी।

निजीकरण से बढ़ जाएंगी बिजली दरें

वर्मा ने कहा कि 25 मार्च को दागी कंपनी ग्रांट थॉर्नटन को सलाहकार नियुक्त किए जाने पर परिषद ने इसका विरोध किया था। अब छह महीने बीत जाने के बाद भी निजीकरण का मसौदा धूल खा रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील की कि निजीकरण का फैसला वापस लेकर उपभोक्ताओं हितों की रक्षा की जाए। कहा, सरकारी कंपनियां निजी घरानों को सौंपने पर बिजली दरों में बढ़ोत्तरी होगी। 

यह भी पढ़ें- यूपी में बिजली उपभोक्ताओं को राहत : अक्टूबर में बिल आएगा कम, जानें कितनी होगी बचत

Advertisment

यह भी पढ़ें- निजीकरण से 50 हजार संविदा कर्मियों की छिन जाएगी रोजी-रोटी, 16,500 नियमित कर्मचारियों की नौकरी पर खतरा

यह भी पढ़ें- कौन हैं प्रोफेसर कीर्ति पांडेय? जिन्होंने शिक्षा सेवा चयन आयोग की अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा 

यह भी पढ़ें- निजीकरण से बिजली विभाग में बिगड़ रहा माहौल, कर्मियों को 78 दिन का बोनस देने की उठी मांग

Advertisment

 Electricity Privatisation | UPRVUP 

Electricity Privatisation UPRVUP
Advertisment
Advertisment