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निजीकरण से बिजली विभाग में बिगड़ रहा माहौल Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आरोप लगाया कि पावर कारपोरेशन और शासन के कुछ अधिकारी औद्योगिक समूहों के साथ मिले हुए हैं। इसी गठजोड के तहत पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण की प्रकिया आगे बढ़ाने की तैयारी चल रही है। जिससे ऊर्जा निगमों का कामकाज का माहौल बिगड़ गया है।
गर्मी में निर्बाध​ बिजली आपूर्ति का कीर्तिमान
समिति के पदाधिकारियों ने बृहस्पतिवार को कहा कि बिजली कर्मियों में महाकुंभ में अद्भुत बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कर पूरे विश्व में उत्तर प्रदेश का मान सम्मान बढ़ाया है। भीषण गर्मी में भी कर्मचारियों ने निर्बाध बिजली आपूर्ति का राष्ट्रीय कीर्तिमान बनाया है। ऐसे में मुख्यमंत्री को निजीकरण का निर्णय तत्काल निरस्त करना चाहिए। जिससे ऊर्जा निगमों में काम का स्वास्थ्य वातावरण बन सके।
78 दिन का बोनस देने की मांग
संगठन के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि बिजली कर्मचारी 24 घंटे काम करते हैं। ऐस में उनकी उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि दशहरा व दीपावली से पहले रेल कर्मचारियों तरह बिजली कर्मियों को 78 दिन का बोनस और उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई समाप्त की जाए।
निजीकरण के खिलाफ प्रदर्शन जारी
दुबे ने बताया कि आज वाराणसी, आगरा, मेरठ, कानपुर, गोरखपुर, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, अलीगढ़, मथुरा, एटा, झांसी, बांदा, बरेली, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, मुरादाबाद में कर्मियों ने निजीकरण के विरोध में आवज बुलंद की।
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