लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने बिजली निजीकरण के विरोध में आगामी 22 जून को लखनऊ में होने वाली बिजली महापंचायत में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन को बुलाने का फैसला किया है। महापंचायत में किसानों, उपभोक्ताओं और सामाजिक संगठनों के राष्ट्रीय नेता शामिल होंगे।
ऊर्जा मंत्री के बयान से कार्मिक नाराज
संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे शुक्रवार को बताया कि ऊर्जा मंत्री की ओर से निजीकरण के पक्ष में कल दिये गये बयान से बिजली कर्मियों में आक्रोश है। उन्होंने बिजली महापंचायत में ऊर्जा मंत्री को आमंत्रित करते हुए कहा कि वह कार्मिकों, किसानों और उपभोक्ताओं को निजीकरण का लाभ समझायें तो बेहतर होगा।
सरकारी धन से सुधार, फायदा निजी को
शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि आरडीएसएस योजना के अन्तर्गत 44 हजार करोड़ रुपये खर्च करने के बाद प्रदेश की बिजली व्यवस्था सुदृढ़ हो गयी है। अब सरकारी पैसे से सुधार कर पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम को निजी हाथों में देना किस सुधार प्रक्रिया का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि सरकारी क्षेत्र में घाटे की परवाह न करते हुए किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में इस भीषण गर्मी में बिजली कर्मी रिकॉर्ड बिजली आपूर्ति कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री आये दिन इसका श्रेय भी ले रहे हैं लेकिल वकालत निजी घरानों की कर रहे।
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