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अब बिजली आपूर्ति में बाधा डालने वाले कार्मिक सीधे नौकरी से निकाले जायेंगे, UPPCL ने विशेष नियम किया लागू

बिजली कार्मिकों के कार्य बहिष्कार से निपटने के लिए uppcl जहां बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम कर रहा है। साथ ही आपूर्ति में बाधा डालने या डालने का प्रयास करने वाले अभियंताओं से लेकर कार्मिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का निर्णय किया है।

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Deepak Yadav
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अब बिजली आपूर्ति में बाधा डालने वाले कार्मिक सीधे नौकरी से निकाले जायेंगे Photograph: (Social Media)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने कार्य बहिष्कार और हड़ताल में शामिल कार्मिकों को विभागीय जांच के बिना ही बर्खास्त करने का विशेष नियम बनाया है। बिजली निजीकरण के विरोध में विभिन्न विद्युत कर्मचारी संगठनों ने 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा की है। इसके मद्देनजर आपूर्ति में बाधा डालने वाले कर्मचारियों की सेवा समाप्ति के लिए पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड कार्मिक (अनुशासन एवं अपील) (पंचम संशोधन) विनियमावली-2025 लागू किया गया है।

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कार्य बहिष्कार से निपटने के लिए विशेष नियम लागू

बिजली कार्मिकों के कार्य बहिष्कार से निपटने के लिए पावर कारपोरेशन प्रबंधन जहां बिजली आपूर्ति बनाए रखने के लिए वैकल्पिक इंतजाम कर रहा है। साथ ही आपूर्ति में बाधा डालने या डालने का प्रयास करने वाले अभियंताओं से लेकर कार्मिकों के खिलाफ पहली बार सख्त कदम उठाने का निर्णय किया है। प्रबंधन ने निदेशक मंडल के निर्णय के तहत विनियमावली के विशेष नियम 7(क) से विद्युत प्रणाली में व्यवधान उत्पन्न करने या प्रयास करने वाले कार्मिकों को जांच के बिना सीधे पदच्युत करने जैसे कड़े दंड से दंडित करने की व्यवस्था की गई है।

हड़ताल से सरकारी सेवाएं प्रभावित

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पावर कारपोरेशन प्रबंधन के मुताबिक, बिजली कार्मिक संगठन समय-समय पर अपनी मांगें मनवाने के लिए हड़ताल और कार्य बहिष्कार का सहारा लेकर बिजली आपूर्ति बाधित कर शासन व्यवस्था पर दबाव डालते हैं। इससे अस्पताल, न्यायालय, सरकारी व गैर-सरकारी कार्यालय, सुरक्षा व्यवस्था और जलापूर्ति प्रभावित होती है। बिजली आपूर्ति ठप होने से लोक शांति भंग होने का भी खतरा रहता है। दिसंबर 2022 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी हड़ताल से बिजली आपूर्ति प्रभावित होने पर कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए थे।

मुख्य अभियंता की बर्खास्तगी का अधिकार अध्यक्ष को

निदेशक मंडल ने विशेष नियम के दुरुपयोग रोकने के लिए यह यह व्यवस्था की है कि मुख्य अभियंता से लेकर अवर अभियंता तक के बर्खास्तगी मामलों में प्रबंध निदेशक की मंजूरी जरूरी होगी। वहीं, मुख्य अभियंताओं की सेवा समाप्ति का फैसला पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष करेंगे। जबकि अन्य सभी मामलों में प्रबंध निदेशक को अधिकार होगा।

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