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EOW द्वारा राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन,आर्थिक अपराधों की रोकथाम को चार नवाचार किए गए लॉन्च

लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में 04 अगस्त 2025 को आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (EOW), उत्तर प्रदेश द्वारा एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला का उद्देश्य वित्तीय अपराधों की रोकथाम, बेहतर विवेचना और जन-जागरूकता बढ़ाना था।

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Shishir Patel
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पुलिस मुख्यालय में राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता ।आर्थिक अपराधों की बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के आर्थिक अपराध अनुसंधान संगठन (ईओडब्लू) द्वारा आज पुलिस मुख्यालय स्थित सिग्नेचर बिल्डिंग में एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य प्रदेश में हो रहे आर्थिक अपराधों की रोकथाम, वैज्ञानिक एवं प्रभावी विवेचना तथा जन-जागरूकता को बढ़ावा देकर आम जनता की पूंजी की सुरक्षा सुनिश्चित करना रहा। कार्यक्रम का उद्घाटन डीजीपी राजीव कृष्ण द्वारा किया गया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आर्थिक अपराध वर्तमान समय में एक गंभीर सामाजिक-आर्थिक संकट बनते जा रहे हैं, जिनसे प्रदेश की अर्थव्यवस्था, बैंकिंग व्यवस्था और आम नागरिक की जीवन भर की पूंजी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। 

विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय आवश्यक: डीजी नीरा रावत 

उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि पुलिस तंत्र में तकनीकी दक्षता और प्रो-एक्टिव अप्रोच के माध्यम से इन अपराधों से निपटा जाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं डीजी, ईओडब्लू नीरा रावत ने कहा कि आर्थिक अपराधों की विवेचना में तकनीकी दक्षता, विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय और जनसहभागिता अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में देशभर से आये विशेषज्ञों, बैंकिंग प्रतिनिधियों, विधि विशेषज्ञों और पुलिस अधिकारियों ने अपने अनुभव का साझा किया। उन्होंने बताया कि कार्यशाला का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी रहा कि ईओडब्लू द्वारा विकसित चार नवाचारों का औपचारिक लोकार्पण किया गया, जिनके माध्यम से आर्थिक अपराधों की रोकथाम और विवेचना को और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। कार्यक्रम के दौरान ईओडब्लू के नये लोगो का अनावरण किया गया, जो संगठन की सतर्कता, पारदर्शिता और जनधन की सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दशार्ता है। यह लोगों जनविश्वास एवं सुरक्षा की भावना को और मजबूत करेगा। 

आमजन के लिए निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी बुकलेट 

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ईओडब्लू द्वारा तैयार यह सॉफ्टवेयर जांच प्रक्रिया की रियल टाइम निगरानी की सुविधा देता है। इससे पत्राचार में लगने वाला समय बचेगा और विवेचना तेज, पारदर्शी व गुणवत्ता युक्त होगी। अधिकारी 24७7 किसी भी केस की स्थिति आनलाइन देख सकेंगे। इस बुकलेट में नागरिकों को बताया गया है कि किस प्रकार के फ्रॉड या धोखाधड़ी से वे प्रभावित हो सकते हैं, इनसे कैसे बचा जाए और यदि शिकार बन जाएं तो क्या कदम उठाएं। यह सामग्री सरल भाषा में तैयार की गई है और आमजन के लिए निशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। ईओडब्लू द्वारा निर्मित इस शॉर्ट फिल्म में पोंजी स्कीम, फर्जी रियल एस्टेट डील, आॅनलाइन फ्रॉड जैसे अपराधों के उदाहरण दिए गए हैं। इसका उद्देश्य शिक्षित वर्ग और शहरी नागरिकों को सतर्क करना है। यह फिल्म मॉल, थिएटर, सार्वजनिक स्थलों पर दिखाई जाएगी ताकि अधिकाधिक लोग जागरूक हो सकें। 

अब आर्थिक अपराधों की प्रकृति अत्यंत जटिल हो गई

अशोक कुमार, संयुक्त निदेशक, केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने बतौर विशिष्ट वक्ता कार्यशाला में अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि अब आर्थिक अपराधों की प्रकृति अत्यंत जटिल और बहुआयामी हो गई है। बैंकिंग धोखाधड़ी, फर्जी हाउसिंग प्रोजेक्ट्स, डिजिटल पेमेंट स्कैम, चिटफंड योजनाएं जैसे अपराध आमजन को सीधा प्रभावित करते हैं। ऐसे में तकनीकी साधनों का प्रयोग, समन्वित विवेचना और समयबद्ध कार्रवाई बेहद जरूरी हो गया है। कार्यशाला के अंत में ईओडब्लू ने मीडिया व समाज के प्रबुद्ध नागरिकों से अपील की कि वे इस जन-जागरूकता अभियान से जुड़ें और अधिकाधिक लोगों तक आर्थिक अपराधों के प्रति सतर्कता का संदेश पहुंचाएं। यह भी कहा गया कि आज समाज का शिक्षित और शहरी वर्ग भी इन अपराधों का शिकार हो रहा है, अत: सतर्कता व जागरूकता ही सबसे बड़ा बचाव है।

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