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जमीन देने वाले किसानों को मिले नौकरी : चिकित्सा संस्थानों पर भड़कीं राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, दी ये नसीहत

राज्यपाल आनंदबेन पटेल बृहस्पतिवार को अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में कहा कि एक ऐसी मेडिकल किट तैयार की जाए, जिसमें बच्चों के लिए उनके रोग अनुसार दवाई हो।

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Deepak Yadav
First Convocation of Atal Bihari Vajpayee Medical University

अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करतीं राज्यपाल Photograph: (YBN)

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। यूपी की राज्यपाल एवं कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने चिकित्सा संस्थानों में इलाज में लापरवाही से लेकर मनमानी फीस और जमीन लेने के बाद किसानों की उपेक्षा पर नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के लिए पहला दान किसान करता है। उनकी जमीन ली जाती है। मुआवजा अन्नदाता को एक बार मिलता है। जबकि उस जमीन पर वह पूरी जिंदगी खेती कर परिवार का भरण-पोषण करता है। ऐसे किसानों की मदद नौकरी देकर की जाए। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई में एक साथ लाखों रुपये फीस बढ़ाने पर अंकुश लगाने और मरीजों के प्रति संवेदनशीलता पर जोर दिया।

दीक्षांत में 82 प्रतिशत छात्राओं को पदक

आनंदबेन पटेल बृहस्पतिवार को अटल बिहारी वाजपेयी चिकित्सा विश्वविद्यालय (ABVMU) के पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर उन्होंने 8507 उपाधियां दीं। इनमें से 72 प्रतिशत यानी 6150 उपाधियां छात्राओं को प्राप्त हुईं। समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले 73 छात्र-छात्राओं को स्वर्ण और रजत पदक दिए गए। जिनमें 82 प्रतिशत छात्राएं रहीं। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं द्वारा अधिक उपाधियां और पदक अर्जित करना इस बात का प्रमाण है कि अब कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां उनका वर्चस्व न हो। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में महिलाएं प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाएंगी।

300 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट वितरित

समारोह में राज्यपाल ने 300 आंगनबाड़ी केंद्रों को किट भी प्रदान कीं और निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को विश्वविद्यालय स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाए, ताकि वे गर्भवती महिलाओं को वैज्ञानिक और व्यवहारिक जानकारी देकर स्वस्थ शिशु जन्म एवं पोषण संबंधी मार्गदर्शन दे सकें। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को नियमित प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाए और बच्चों को बेहतर स्वास्थ्य लाभ के लिए समग्र दवा-किट तैयार कर आंगनबाड़ी केंद्रों को उपलब्ध कराई जाए।

गोद लिए विद्यालयों में सालाना कैलेंडर बनाने पर जोर

कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा गोद लिए गए विद्यालयों में वार्षिक कैलेंडर तैयार कर पर्यावरण, जल संरक्षण, स्वच्छता, दहेज निषेध एवं बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों पर प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएं, जिससे बच्चों में ज्ञानवर्धन के साथ विकसित भारत निर्माण की भावना जागृत हो।

मेडिकल छात्राओं की सुरक्षा हो सुनिश्चित 

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उन्होंने यह भी कहा कि मेडिकल कॉलेज में पढ़ने वाली बेटियों की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित किया जाए तथा शैक्षणिक सत्र के बीच फीस वृद्धि न हो, ताकि गरीब परिवारों को कठिनाइयों का सामना न करना पड़े। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में एक चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना एवं संचालन करने के भी निर्देश दिए।

समस्तीपुर में गिरफ्तारी का किया जिक्र

कुलाधिपति ने कहा कि यह विश्वविद्यलाय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर है। मुझे खुशी कि मैं जिस पार्टी में थी वहां पर उनका मार्गदर्शन भी मिला। गुजरात समस्तीपुर में उनको अरेस्ट किया गया। आज वह समय है जब लोग जेल से शासन चलाते हैं। पर तब आडवाणी जी ने त्यागपत्र दे दिया। तब उनकी जगह गांधीनगर में चुनाव लड़ने अटलजी गए। तब मैं उनकी चुनाव प्रभारी रही।

एबीवीएमयू में बनेगा चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय

स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने छात्राओं की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया और कहा कि यह प्रदेश के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने घोषणा की कि विश्वविद्यालय परिसर में नया चिकित्सा शिक्षा महाविद्यालय स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चिकित्सा संस्थान में एमडी, एमएस और एमसीएच कोर्स शुरू करने में सरकार पूरा सहयोग करेगी 

स्वस्थ रहें, प्रदेश को भी निरोगी बनाएं

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स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह ने उपाधि पाने वालों को बधाई देते हुए कहा कि ईश्वर से कामना की चिकित्सा क्षेत्र में आगे बढ़ते रहें। आप सभी स्वस्थ रहें और प्रदेश को भी निरोगी बनाएं। पूरा भरोसा है कि भारत में यह नंबर एक का विश्वविद्यालय बनकर उभरेगा।

8526 उपाधियां डीजिलॉकर पर अपलोड

कुलपति संजीव मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2020 में इस विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया था। सेंटर ऑफ बायोमेडिकल रिसर्च के साथ एमओयू किया गया है। इसी सत्र से पीएचडी पाठ्यक्रम शुरू हुआ है। डिजिटल लाइब्रेरी भी बनाई जा रही है। एआई में भी विश्वविद्यालय काम कर रहा है। 8526 छात्र-छात्रओं की उपाधि डीजिलॉकर पर अपलोड कर दी गई हैं।

इन्हें मिला गोल्ड मेडल

बीएससी नर्सिंग : चाहत चौहान, अपर्णा द्विवेदी, अंकिता सिंह, बीना देवी

एमएससी नर्सिंग :  प्रियंका यादव, वीरांगी वर्मा, आंचल सिंह

दंत विज्ञान संकाय (एमडीएस अलग-अलग क्षेत्र)  : डॉ मेघना चौहान, डॉ. चारु प्रिया, डॉ. सेयमंतिका सर्वप्रिया, डॉ सिमरन कौर मक्कर, डॉ वर्मा विशाल जैसराज, डॉ सनाह सिंह, डॉ सोमी अग्रवाल, डॉ रजनी प्रजापति, डॉ आकृति कौल, डॉ दीपांशी शर्मा

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चिकित्सा संकाय (एमडी) : डॉ प्रिया शर्मा, डॉ श्रुति मेगोतिया, डॉ पलक गोयल, डॉ चौधरी सम्पूर्ण राज, डॉ शौविक दत्ता, डॉ वैशाली मदान, डॉ अनिका भंडारी, डॉ अंबिका अग्रवाल, डॉ हृदयश्वर कटारिया, डॉ शर्मा अक्षय प्रवीन, डॉ शबनम अरा, डॉ प्रीतम मोंडल

चिकित्सा संकाय (एमएस) : डॉ दिव्या सैनी, डॉ पूजा द्विवेदी, डॉ अभय सिंह, डॉ वैशाली, डॉ शुभी सचान

पैरामेडिकल संकाय (मास्टर फीजियोथेरेपी, एमपीटी) : डॉ शिवंगी भारद्वाज, डॉ पूजा चंदेल

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