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ज्ञापन देते किसान ।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी में किसानों और पुलिस प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति तब बन गई जब भारतीय किसान यूनियन (टिकैत गुट) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को डीसीपी साउथ कार्यालय का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि उनके मंडल अध्यक्ष के.के. सिंह पर पुलिस द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है और बिजनौर थाने के प्रभारी ने रिश्वत न देने पर उन्हें भू-माफिया घोषित करने की धमकी दी थी।
आरोप- थाना प्रभारी ने उनसे एक लाख रुपये की मांग की थी
किसानों ने बताया कि थाना प्रभारी ने उनसे एक लाख रुपये की मांग की थी। रकम देने से इनकार करने पर उनके खिलाफ फर्जी तरीके से केस दर्ज कर दिया गया। सिंह का कहना है कि जिस दिन और समय पर उन पर आरोप लगाया गया, उस वक्त वे साप्ताहिक बाजार में सैकड़ों लोगों के बीच मौजूद थे, जिसे गवाहों से साबित किया जा सकता है।
कार्रवाई न होने तक जारी रहेगा उनका आंदोलन
प्रदर्शन कर रहे किसानों ने थाना प्रभारी पर कई गंभीर आरोप लगाए। इनमें चोरी की रिपोर्ट दर्ज न करना, अवैध मादक पदार्थों की बिक्री को संरक्षण देना और किसानों का उत्पीड़न शामिल है। किसानों ने स्पष्ट कहा कि जब तक फर्जी मुकदमा वापस नहीं लिया जाएगा और आरोपी थाना प्रभारी को निलंबित नहीं किया जाएगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।शाम चार बजे किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों का ज्ञापन एडीसीपी साउथ को सौंपा। इसके बाद धरना-प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे बड़े आंदोलन की राह अपनाएंगे।
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