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किसान आए बिजली कर्मियों के साथ, निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ करेंगे देशव्यापी आंदोलन

 निजीकरण और बिजली संशोधन बिल के विरोध में चले रहे बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को किसान संगठनों का समर्थन मिल गया है। बिजली कर्मचारी और किसान मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे।

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Deepak Yadav
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निजीकरण और बिजली संशोधन बिल के विरोध में बिजली कर्मी और किसान संगठन संयुक्त संघर्ष करेंगे Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। निजीकरण और बिजली संशोधन बिल के खिलाफ चल रहे बिजली कर्मचारियों के आंदोलन को किसानों का समर्थन मिल गया है। अब दोनों मिलकर राष्ट्रव्यापी आंदोलन करेंगे। मुंबई में तीन नवम्बर को होने वाली नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी आफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स की बैठक में आंदोलन की रणनीति तय की जायेगी। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ दर्शन पाल ने रविवार को संयुक्त रुप से यह ऐलान किया।

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निजीकरण से केवल निजी घरानों को फायदा

उन्होंने कहा कि बिजली के निजीकरण से केवल कुछ निजी घरानों को लाभ होगा और किसानों व गरीब घरेलू उपभोक्ताओं को लालटेन युग में धकेल दिया जायेगा। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मी, मजदूर और किसान देश के पॉवर सेक्टर को निजी घरानों को सौंपने के विरोध में एकजुट होकर संघर्ष करेंगे।

केन्द्र सरकार ने किया समझौते का उल्लंघन

चिनहट में संयुक्त किसान मोर्चा की प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक में डॉ दर्शन पाल ने कहा कि बिजली संशोधन बिल का ड्राफ्ट नौ दिसम्बर 2021 को केन्द्र सरकार और संगठन के बीच हुए समझौते का खुला उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि इस समझौते के बाद तत्कालीन कृषि सचिव संजय अग्रवाल ने लिखित में दिया था कि संयुक्त किसान मोर्चा की सहमति के बिना इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल नहीं लाया जायेगा। 

shailendra dubey and darshan pal

बिल के किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान

शैलेन्द्र दुबे ने निजीकरण और बिजली संशोधन बिल के प्राविधानों से किसानों को होने वाले नुकसान के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि अमेंडमेंट बिल  के अनुसार बिजली का कॉस्ट रिफ्लेक्टिव टैरिफ होगा। जिसका मतलब है कि लागत से कम मूल्य पर किसी भी उपभोक्ता को बिजली नहीं दी जायेगी। उन्होंने कहा कि इसका सबसे अधिक नुकसान किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को होगा। 7.50 हॉर्स पावर के ट्यूब वेल का बिजली बिल कम से कम 12 हजार रुपये प्रति माह आयेगा। जिसका भुगतान किसान नहीं कर सकेंगे।

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मुंबई की बैठक में ये संगठन रहेंगे शामिल

मुम्बई में होने वाली मीटिंग में देश के बिजली कर्मियों और अभियंताओं के सभी बड़े फेडरेशन मुख्यतया ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया पावर डिप्लोमा इंजीनियर्स फेडरेशन, ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक इम्प्लाइज, इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन ऑफ इंडिया,इंडियन नेशनल इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज फेडरेशन,आल इंडिया पावर मेंस फेडरेशन शामिल होंगे।

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