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ग्रीन कॉरिडोर की राह में आ रहे 15 साल पुराने पेड़ होंगे प्रत्यारोपित, 21 पेड़ों को रिवर फ्रंट में मिला नया जीवन

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि हनुमान सेतु से कुकरैल के मध्य लगभग 04 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच में कुल 166 पेड़ों को चिन्हित किया गया है। नीम, जामुन, पिलखन, गूलर, पीपल, बरगद, अर्जुन, एलेस्टोनिया आदि प्रजाति के ये पेड़ लगभग 12 से 15 वर्ष पुराने हैं।

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Deepak Yadav
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ग्रीन कॉरिडोर की राह में आ रहे 15 साल पुराने पेड़ होंगे प्रत्यारोपित Photograph: (YBN)

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  • हनुमान सेतु के पास की अभियान की शुरुआत  
  • 15 साल पुराने 21 पेड़ रिवर फ्रंट में प्रत्यारोपित 
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लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ग्रीन कॉरिडोर की राह में आ रहे पुराने पेड़ों को प्रत्यारोपित करेगा। इससे परियोजना की जद में आ रहे ये पेड़ न सिर्फ कटने से बचेंगे, बल्कि नये स्थान पर फल-फूलकर लोगों को छाया देंगे। प्राधिकरण की अध्यक्ष और मण्डलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने शुक्रवार को हनुमान सेतु के पास इस अभियान की शुरूआत की। इस दौरान तकरीबन 15 साल पुराने 21 पेड़ों को उनकी जड़ों समेत गोमती रिवर फ्रंट पर सफलतापूर्वक प्रत्यारोपित किया गया। 

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166 पेड़ किए जाएंगे प्रत्यारोपित 

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एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि प्राधिकरण द्वारा आईआईएम रोड से किसान पथ के बीच 28 किलोमीटर लंबे ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है। इस परियोजना के अंतर्गत हनुमान सेतु से निशातगंज व कुकरैल के बीच बंधा चौड़ीकरण का कार्य कराया जा रहा है। इस रूट पर कुल 166 पुराने पेड़ आ रहे हैं, जिन्हें परियोजना के चलते हटाया जाना जरूरी था। इन पेड़ों को काटने के बजाए प्रत्यारोपित करने के सम्बंध में अभियंत्रण व उद्यान अनुभाग की टीम को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये गये थे। जिसके क्रम में दिल्ली की एक कंपनी से संपर्क स्थापित किया गया। कंपनी के विशेषज्ञों द्वारा पेड़ों व इन्हें प्रत्यारोपित किये जाने वाले स्थान का निरीक्षण करके रिपोर्ट दी गयी। जिसके आधार पर अब इन पेड़ों को प्रत्यारोपित करने का काम शुरू किया गया है।

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12 से 15 साल पुराने हैं पेड़ 

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि हनुमान सेतु से कुकरैल के मध्य लगभग 04 किलोमीटर लंबे स्ट्रेच में कुल 166 पेड़ों को चिन्हित किया गया है। नीम, जामुन, पिलखन, गूलर, पीपल, बरगद, अर्जुन, एलेस्टोनिया आदि प्रजाति के ये पेड़ लगभग 12 से 15 वर्ष पुराने हैं। शुक्रवार को अभियान की शुरूआत में कुल 21 पेड़ों को क्रेन के माध्यम से उनके स्थान से रिवर फंट पर लाया गया, जहां उन्हें जड़ समेत प्रत्यारोपित किया गया। 

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6 दिन में तैयार किया प्राकृतिक माहौल

उपाध्यक्ष ने बताया कि पेड़ों को उनकी जगह से दूसरे स्थान पर प्रत्यारोपित करने के लिए पिछले 06 दिनों से तैयारी की जा रही थी। जिस जगह पेड़ पनपे थे, वैसा ही ‘प्राकृतिक माहौल’ नये स्थान पर तैयार किया गया। इस क्रम में सर्वप्रथम पेड़ की जड़ों के आसपास की मिट्टी को  को निकाल कर प्रत्यारोपित करने वाले स्थान पर मिलाया गया। जड़ों के इर्द-गिर्द ‘अर्थ बॉल’ बनायी गयी। इन्सेक्टिसाइड, पेस्टिसाइड, फंगीसाइड का निर्धारित मात्रा में इस्तेमाल करते हुए वर्मी कम्पोस्ट डाला गया। 

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60-80 प्रतिशत तक सर्वावाइवल रेट 

विशेषज्ञों ने बताया कि  बारिश के मौसम के चलते इनमें से अधिकांश पेड़ प्राकृतिक रूप से नये स्थान पर पनप जाएंगे। प्रत्यारोपित पेड़ों का सर्वावाइवल रेट 60 से 80 प्रतिशत तक होगा। मण्डलायुक्त रोशन जैकब ने निर्देश दिये कि पेड़ों को रिवर फ्रंट के अलावा प्राधिकरण की अन्य योजनाओं में भी लगाया जाए। उन्होंने कहा कि नदवा कॉलेज के सामने बने घाट पर साफ-सफाई कराकर वहां भी पौधरोपण कराया जाए।

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