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पटाखा फैक्ट्री में धमाके के बाद का मंजर।
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के गुडंबा थाना क्षेत्र के बेहटा गांव में रविवार का दिन दहशत और तबाही लेकर आया। सुबह से लेकर शाम तक दो बार हुए भीषण विस्फोटों ने पूरे इलाके को हिला दिया। एक ही परिवार से जुड़े दो हादसों ने जहां कई जिंदगियां निगल लीं, वहीं गांव के सैकड़ों लोग खौफ और सदमे में हैं।
सुबह के समय: मकान ताश के पत्तों की तरह बिखर गया
रविवार की सुबह करीब 11:30 बजे आलम (50 वर्ष) के मकान से अचानक तेज धमाके की आवाज सुनाई दी। चंद सेकंडों के भीतर एक के बाद एक हुए धमाकों ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। आलम और उनकी पत्नी मुन्नी (48 वर्ष) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं घर के अन्य सदस्य और पड़ोस के लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
चीख-पुकार, धुएं का मंजर ने हर किसी का दिल दहला दिया
धमाका इतना तेज था कि आलम का पक्का मकान पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। टीनशेड उड़कर बिजली की तारों पर जाकर अटक गया और मलबे का ढेर चारों ओर बिखर गया। घर में मौजूद आलम का बेटा दिशान और इरशाद मलबे के नीचे दब गए। पड़ोस में रहने वाले नदीम, हूरजहां, जैद और इरम भी विस्फोट की चपेट में आकर घायल हो गए।पड़ोसी शबाना बानो ने बताया लगातार कई धमाकों से कान सुन्न पड़ गए। धुएं का गुबार पूरे गांव में छा गया। जब होश आया तो सामने आलम का मकान जमींदोज हो चुका था। धमाके के बाद पूरा गांव बाहर निकल आया। चीख-पुकार, धुएं और खंडहर जैसे मंजर ने हर किसी का दिल दहला दिया।
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प्रत्यक्षदर्शियों की आपबीती
रहीशा बानो: मैं जब बेटी के घर भागी तो देखा कि वह मलबे के नीचे दबी थी और नाती उसके साथ लिपटा हुआ था। उसे खून से लथपथ देख मैं चिल्ला उठी। लोगों ने मदद की, लेकिन बेटी बेहोश हो चुकी थी।जैद (35 वर्ष) मैं नहा कर कमरे में लेटा ही था कि धमाका हुआ और दीवार भरभरा कर मुझ पर गिर गई। पत्नी ने हिम्मत दिखाते हुए हाथ पकड़कर बाहर निकाला। अगर कुछ देर और हो जाती तो शायद जिंदा बाहर न निकल पाता। तौसिफ (पड़ोसी): “धमाके की आवाज सुनते ही हम लोग बाहर भागे। तभी दीवार का एक हिस्सा ढह गया। ऊपर वाले की मेहरबानी से जान बच गई।”
दो मौतें और कई घायल
इस हादसे में आलम और उनकी पत्नी मुन्नी की मौके पर ही मौत हो गई। उनके घर के बाहर खड़े ग्रामीणों ने जैसे ही शवों को देखा, गांव में कोहराम मच गया। घायलों में से दो की हालत गंभीर बताई गई, जिन्हें ट्रॉमा सेंटर रेफर किया गया। अन्य घायलों का मौके पर पहुंची मेडिकल टीम ने प्राथमिक उपचार किया।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
धमाके की सूचना मिलते ही डीसीपी उत्तरी, एसीपी गाजीपुर, थानाध्यक्ष गुडंबा समेत पुलिस बल मौके पर पहुंचा। दमकल विभाग की गाड़ियां बुलाई गईं। मकान के मलबे में सुलगते पटाखों को पानी डालकर बुझाया गया। पुलिस ने तुरंत इलाके को घेरकर भीड़ को दूर कर दिया। एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि घर के अंदर अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे। लाइसेंस आलम की भाभी खातून के नाम पर था, लेकिन आलम खुद भी पटाखा कारोबार करता था।
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शाम का दूसरा धमाका: अवैध गोदाम बना मौत का गढ़
सुबह के हादसे से गांव संभल भी नहीं पाया था कि शाम को करीब 6:30 बजे दूसरा भीषण धमाका हो गया। यह धमाका आलम के भतीजे शेरू के गोदाम में हुआ, जो सेमरा गांव में स्थित था और करीब 1000 स्क्वायर फीट में फैला था।धमाका इतना तेज था कि गोदाम पलभर में ढह गया और आसपास के खाली प्लॉट की बाउंड्री दीवारें टूट गईं। आवाज तीन से चार किलोमीटर दूर तक सुनाई दी। ग्रामीणों ने बताया कि यह धमाका सुबह से कम से कम पांच गुना ज्यादा तीव्र था।
धमाकों का जानवरों और ग्रामीणों पर पड़ा असर
गोदाम में हुए धमाके से मिश्रपुर डिपो निवासी मुन्नू की गाय की मौके पर ही मौत हो गई और भैंस गंभीर रूप से घायल हो गई। वहीं, गोदाम से लगभग 400 मीटर दूर जा रहे अमन की पीठ पर उड़कर एक ईंट आ गिरी, जिससे वह घायल हो गए।
दमकलकर्मियों की सांसें फूल गईं
शाम के धमाके के बाद डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह, एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह, एसीपी गाजीपुर विक्रम सिंह और कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई।ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली नहीं थी और चारों तरफ अंधेरा छाया हुआ था। पुलिसकर्मी टॉर्च की रोशनी में मलबे की जांच कर रहे थे तभी वहां बिखरे पटाखे अचानक सुलगने लगे। अधिकारी तुरंत पीछे हट गए और थोड़ी ही देर में दमकल की गाड़ियां पहुंचीं।
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गोदाम में पटाखे हटाने के दौरान धमाके की आशंका
गांव में चर्चाओं का बाजार गर्म है। ग्रामीणों का कहना है कि सुबह आलम के घर विस्फोट के बाद पुलिस कार्रवाई का डर था, इसलिए शेरू अपने गोदाम से पटाखे हटाने में लगा था। इसी दौरान चिंगारी लग गई और भीषण विस्फोट हो गया। हालांकि पुलिस ने इस दावे की पुष्टि नहीं की है और जांच की बात कह रही है।
संपत्ति और मकानों को हुआ भारी नुकसान
धमाके से करीब 400 मीटर दूर स्थित हफीज गाजी का मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। उनकी छत पर लगी पानी की टंकी और सोलर पैनल टूट गए। मकान की दीवारों में गहरी दरारें आ गईं। गोदाम के चारों ओर बने खाली प्लॉट की बाउंड्री दीवारें भी जमींदोज हो गईं।
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मौके पर गम और आक्रोश का माहौल
हादसे के बाद गांव में मातम छा गया। मृतकों के परिजनों की चीख-पुकार से माहौल गमगीन हो गया। आलम की भांजी नूरजहां फूट-फूटकर रोती रही या अल्लाह… मेरे मामा-मामी मुझे छोड़कर चले गए… कुछ दिन पहले ही फोन पर बात हुई थी, सोचा नहीं था कि वो आखिरी होगी।ग्रामीणों में भी आक्रोश है। उनका कहना है कि अवैध पटाखा कारोबार की जानकारी पुलिस-प्रशासन को पहले से थी, फिर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। अगर समय रहते कदम उठाए जाते तो इतनी बड़ी त्रासदी टल सकती थी।
जांच के बाद दोषियों पर की जाएगी सख्त कार्रवाई
पुलिस ने फिलहाल दोनों घटनाओं की जांच शुरू कर दी है। आलम और शेरू के खिलाफ पटाखों के अवैध कारोबार में संलिप्तता की जांच हो रही है। यह भी देखा जा रहा है कि शेरू के पास गोदाम का कोई वैध लाइसेंस था या नहीं।एडीसीपी पूर्वी पंकज सिंह ने बताया धमाके के कारणों का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक टीम और बम निरोधक दस्ता जांच कर रहा है। गोदाम और मकान से मिले अवशेषों को जांच के लिए भेजा गया है। दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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