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Crime News: सपा नेता आजम खां के करीबी पूर्व आईएएस अब्दुल समद पर भ्रष्टाचार का शिकंजा, आय से 113 प्रतिशत अधिक संपत्ति का आरोप

सपा नेता आज़म खां के करीबी पूर्व आईएएस अब्दुल समद पर विजिलेंस ने आय से 113% अधिक संपत्ति रखने और भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला प्रकाश में आने के बाद फिर और कई पुराने विवाद भी सुर्खियों में आ गए हैं।

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Shishir Patel
Abdul Samad Corruption Case

सपा सरकार में रसूखदार रहे आईएएस अधिकारी अब्दुल समद भ्रष्टाचार के मामले में फंसे

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।गाजियाबाद के पूर्व नगर आयुक्त और सपा नेता आज़म खां के करीबी माने जाने वाले सेवानिवृत्त आईएएस अब्दुल समद पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। विजिलेंस आगरा सेक्टर थाने में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है।

उनकी आय से करीब 2.97 करोड़ रुपये अधिक पाए गए

वर्ष 2022 में भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने विजिलेंस को उनके खिलाफ खुली जांच के आदेश दिए थे। विजिलेंस इंस्पेक्टर रविंद्र कुमार दुबे की विस्तृत जांच में सामने आया कि गाजियाबाद नगर आयुक्त रहते हुए अब्दुल समद ने अपनी वैध आय की तुलना में 113% अधिक खर्च किया। जांच रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने सभी स्रोतों से कुल 2.62 करोड़ रुपये की आय अर्जित की, जबकि उसी अवधि में 5.59 करोड़ रुपये की संपत्ति और खर्च किए गए। यानी उनकी आय से करीब 2.97 करोड़ रुपये अधिक पाए गए।

लखनऊ, आजमगढ़ और जौनपुर में है इनकी संपत्तियां

जब उनसे अतिरिक्त संपत्ति और खर्च के बारे में दस्तावेज मांगे गए, तो वे कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। विजिलेंस को यह भी पता चला कि उनके पास लखनऊ, आज़मगढ़ और जौनपुर में संपत्तियां हैं। हालांकि इनका जिक्र दर्ज मुकदमे में नहीं किया गया है, लेकिन जांच में इन बिंदुओं को भी शामिल किया जाएगा। गाजियाबाद में उनकी पोस्टिंग के दौरान डस्टबिन, कंप्यूटर और स्ट्रीट लाइट की खरीद में अनियमितताओं के आरोप लगे थे। कई फैसलों को मनमाना और अपारदर्शी बताया गया।

अब्दुल समद पहले भी विवादों में रहे

अब्दुल समद पहले भी विवादों में रहे हैं। मार्च 2023 में विशेषाधिकार हनन के मामले में उन्हें विधानसभा में पांच पुलिसकर्मियों के साथ रात 12 बजे तक कैद की सजा मिली थी। यह मामला 2004 का था, जब वे कानपुर में सीओ (पीपीएस) पद पर तैनात थे और विधायक सलिल बिश्नोई से कथित दुर्व्यवहार के कारण विवाद हुआ था। बाद में उन्होंने सदन में माफी मांग ली थी और पीसीएस से आईएएस बने।

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