Advertisment

उपभोक्ता परिषद का बड़ा आरोप : निजीकरण मसौदे के हर पन्ने में छिपा घोटाला, CM से दस्तावेज सार्वजनिक करने की मांग

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि निजीकरण की प्रकिया को आठ माह से ज्यादा का समय बीत गया है। लेकिप पावर कारपोरेशन अभी तक एक वैधानिक मसौदा तैयार नहीं करा पाया है।

author-image
Deepak Yadav
निजीकरण

सीएम योगी से निजीकरण मसौदा सार्वजनिक करने की मांग Photograph : (social media)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने एक बार फिर प्रदेश में बिजली कंपनियों के निजीकरण (Electricity Privatisation) को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। परिषद की मानें तो पावर कारपोरेशन प्रबंधन अपने चहेते औद्योगिक समूहों को फायदा पहुंचाने के लिए निजीकरण मसौदे के मानक में बदलाव कर रहा है। इससे जुड़े सभी दस्तावेज तलब किए जाने के बाद भी कारपोरेशन ने उसे कैग के समक्ष पेश नहीं किया। परिषद ने दावा किया कि निजीकरण का मसौदा सार्वजनिक होने पर उसके हर पन्ने में छिपा घोटाला उजागर हो जाएगा।

अभी तक सीएजी के पास नहीं भेजा मसौदा

उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि निजीकरण की प्रकिया को आठ माह से ज्यादा का समय बीत गया है। लेकिप पावर कारपोरेशन अभी तक एक वैधानिक मसौदा तैयार नहीं करा पाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उच्चाधिकारी अपने चहेते औद्योगिक समूहों के फायदे के आधार पर मसौदे में मानक तैयार करवाते हैं। जोकि हर बार जांच में फेल हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि घोटाले की सजिश का पर्दाफाश होने से डर से पावर कारपोरेशन में अभी तक सीएजी को मौसदा और दस्तावेज नहीं भेजे हैं।

सीएम योगी से मसौदा सार्वजनिक करने की मांग

Advertisment

अवधेश वर्मा ने कहा कि निजीकरण की प्रक्रिया के लिए संवैधानिक और वित्तीय मानक हैं। उसके तहत कोई भी कार्यवाही रेगुलेटरी फ्रेमवर्क में की जानी चाहिए। लेकिन यहां हर एक मसौदा गोपनीय है। यहां तक कि जिस ड्राफ्ट स्टैंडर्ड बिडिंग डॉक्यूमेंट के आधार पर प्रदेश में निजीकरण को आगे बढ़ाया जा रहा है, वह कहीं भी भारत सरकार के ऊर्जा मंत्रालय की वेबसाइट पर नहीं है और ना ही पब्लिक डोमेन में है। इससे साफ है कि अधिकारियों को प्रदेश के 42 जनपदों को निजी घरानों को बेचने की छूट दे दी गई है। उन्होंने सीएम योगी से निजीकरण का मसौदा सार्वजनिक किए जाने की मांग की है।

यह भी पढ़ें- UP में 25.04 लाख स्मार्ट मीटर बिना अनुमति प्रीपेड में बदले, नियामक आयोग पहुंचा मामला

यह भी पढ़ें- छांगुर केस में अहम भूमिका निभाने पर Gopal Rai को बहनों ने बांधी राखी

Advertisment

यह भी पढ़ें- निजीकरण के विरोध में तिरंगा लेकर सड़कों पर उतरेंगे बिजली कर्मचारी, 8 को 'कॉर्पोरेट घरानों पावर सेक्टर छोड़ो' अभियान

यह भी पढ़ें- 14 साल की रेप पीड़िता ने बच्चे को दिया जन्म, आरोपित जेल में बंद

Electricity Privatisation
Advertisment
Advertisment