लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। बाराबंकी की एक अदालत ने एक मुस्लिम युवक को लवजिहाद का दोषी पाया है। उस पर अपनी पहचान छिपाकर एक हिंदू युवती को फंसाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का आरोप है। अदालत ने उसे आजीवन कारावास और 80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। आरोपी पर दलित अधिनियम और उत्तर प्रदेश के धर्म परिवर्तन विरोधी कानून के तहत भी केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। यह मामला कानून और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण घटना है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता कृपाशंकर तिवारी ने शुक्रवार को बताया कि देवा थाना क्षेत्र के एक गांव के रहने वाले वादी ने थाने में दी गई तहरीर में आरोप लगाया था कि लखनऊ जिले के इटौंजा थाना क्षेत्र का रहने वाला सलमान 13 दिसम्बर 2023 को उसकी बहन को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले गया है। वादी की तहरीर पर पुलिस ने आरोपी सलमान के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की थी।
सलमान को आजीवन कारावास की सजा
सलमान को दोषी करार दिया गया है। अभियोजन पक्ष ने गवाहों के बयानों के आधार पर बताया कि सलमान ने वादी की बहन को फंसाया और उसे अपने साथ ले गया। विशेष न्यायाधीश वीना नारायन ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद, आरोपी को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास और 80 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। तिवारी ने बताया कि विवेचना में आये साक्ष्यों के आधार पर आरोपी सलमान के विरुद्ध भारतीय दंड विधान, दलित अधिनियम और उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया था।
दो साल पहले योगी सरकार ने कानून में किया था बदलाव
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने दो साल पहले किए गए कानून में बदलाव किया है। पहले, धर्मांतरण और लव जिहाद के मामलों में दोषियों को अधिकतम 10 साल की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना होता था। अब, इस कानून में संशोधन कर उम्रकैद की सजा का प्रावधान किया गया है। इसका मकसद अवैध धर्मांतरण और लव जिहाद जैसी घटनाओं को रोकना है। इस बदलाव से दोषियों को कठोर सजा मिलेगी और कानून का प्रभाव बढ़ेगा।
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