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भ्रष्टाचारियों पर चला योगी सरकार का चाबुक Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। योगी सरकार ने समाज कल्याण विभाग में बड़ी कार्रवाई करते हुए भ्रष्टाचार के आरोपित चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया है। इनके अलावा तीन सेवानिवृत्त अधिकारियों की पेंशन से स्थायी कटौती का आदेश जारी कर दिया गया है। साथ ही विभाग की तरफ से सभी मामलों में एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दे दिए गए हैं।
एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश
समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण की निगरानी में हुई जांच के बाद आरोपित अधिकारियों पर कार्रवाई की गई। इनमें से भ्रष्टाचार के कुछ मामले पिछले डेढ़ दशक से भी अधिक समय से लंबित थे। आरोपित अधिकारियों में से तीन सेवानिवृत्त हो गए हैं। इनसे सरकारी रकम की वसूली के साथ पेंशन से स्थायी कटौती की जाएगी। विभागीय मंत्री ने सभी मामलों में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई का निर्देश दिया है।
ये हुए सेवा से बर्खास्त
- करुणेश त्रिपाठी (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी मथुरा) को बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर
निजी प्राइवेट आईटीआई संस्थानों को अनियमित तरीके से छात्रवृत्ति-शुल्क प्रतिपूर्ति का भुगतान कर गंभीर वित्तीय अनियमितता करने का आरोप है। मथुरा के तत्कालीन अधिकारी पर 11 मान्यताविहीन संस्थानों को 2.53 करोड़ की धनराशि का भुगतान छात्रवृत्ति/शुल्क प्रतिपूर्ति के रूप में करने का आरोप है। निजी आईटीआई संस्थानों द्वारा 2 वर्ष आयु के बच्चों से लेकर 51 वर्ष तक की आयु वाले व्यक्तियों को आईटीआई पाठ्यक्रम में प्रवेश दिला कर धनराशि का व्यपहरण किया गया। उन्हें बर्खास्त करने के साथ 19.25 करोड़ रुपये की वसूली का निर्देश दिया गया है। - मीना श्रीवास्तव (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी, श्रावस्ती) को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन पर मार्च 2008 से 12 अप्रैल 2012 तक श्रावस्ती में तैनाती के दौरान मुख्यमंत्री महामाया गरीब आर्थिक मदद योजना के अंतर्गत प्राप्त आवेदन को बिना सक्षम स्तर से स्वीकृत कराये डाटा फीडिंग करने का आरोप है। इसके अलावा शादी बीमारी योजना में लाभार्थियों की स्वीकृत सूची में उनके खाता संख्या में हेर-फेर और छात्रवृत्ति-शुल्क प्रतिपूर्ति की धनराशि व्यपहरण में संलिप्त पाई गईं।
- संजय कुमार ब्यास (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी हापुड़) ने 2012-13 में शासनादेश की अवहेलना करते 2.74 करोड़ रुपये सीधे शिक्षण संस्थाओं के बैंक खाते में सीधे अन्तरित किए। इसके अलावा अभिलेखों में कूटरचना करते हुए छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति में गड़बड़ी की। उन्हें बर्खास्त कर 3.23 रुपये की वसूली का निर्देश है।
- राजेश कुमार (तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी शाहजहांपुर) को भी बर्खास्त किया गया है। इन पर वर्ष 2022-23 में विभाग द्वारा संचालित राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों के बैंक खाते बदल कर अपात्रों को लाभ पहुंचने का आरोप है। इनसे 2.52 करोड़ की वसूली की जाएगी।
इनकी पेंशन से कटौती, वसूली जाएगी सरकार रकम
- मथुरा के सेवानिवृत्त अधिकारी विनोद शंकर तिवारी को भी छात्रवृत्ति घोटाले का दोषी पाया गया है। इनसे 1.96 करोड़ की वसूली की जाएगी और पेंशन से 50 प्रतिशत की स्थायी कटौती भी की जाएगी।
- मथुरा में तैनात रहे उमा शंकर शर्मा की पेंशन से 50% की कटौती की जाएगी और 88.94 लाख रुपये की वसूली की जाएगी। ये 11 अमान्य संस्थानों को अनियमित भुगतान और 5526 अतिरिक्त छात्रों को फर्जी भुगतान के मामले में दोषी पाए गए हैं।
- औरैया में तैनात रहे श्रीभगवान पर वृद्धावस्था पेंशनरों के खाते बदल कर अन्य व्यक्तियों को पेंशन की धनराशि भेजने का आरोप सिद्ध हुआ। उनके पेंशन से स्थाई रूप से 10 प्रतिशत की कटौती और 20 लाख रुपये की वसूली का निर्देश है।
UP Govt | samaj kalyan vibhag
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