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प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम 26.40 लाख की ठगी, जालसाज ने LDA कर्मी बताकर 18 लोगों से वसूली रकम, एफआईआर

जालसाज ने खुद को एलडीए का कर्मचारी बताकर लोगों से रुपये ऐंठे और प्रधानमंत्री आवास का जाली आवंटन प्रमाण पत्र थमा दिया। मकान का कब्जा न मिलने पर पीड़ितों ने एलडीए कार्यालय में संपर्क किया तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ।

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Deepak Yadav
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प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम 26.40 लाख की ठगी Photograph: (YBN)

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  • बसंतकुंज योजना में प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर ठगे रुपये 
  • मकान न मिलने पर पीड़ितों ने एलडीए में किया संपर्क तो हुआ फर्जीवाड़े का खुलासा 
  • जांच में फर्जी मिला आवंटन पत्र, एलडीए उपाध्यक्ष ने दिये एफआईआर के आदे

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। प्रधानमंत्री आवास योजना में भवन आवंटित कराने के नाम पर फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इसमें जालसाज ने खुद को लखनऊ विकास प्रधिकरण (LDA) का कर्मचारी बताकर लोगों से रुपये ऐंठे और प्रधानमंत्री आवास का जाली आवंटन प्रमाण पत्र थमा दिया। मकान का कब्जा न मिलने पर पीड़ितों ने एलडीए कार्यालय में संपर्क किया तो फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार के आदेश पर सम्पत्ति विभाग ने इस मामले में गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है। 

बसंतकुंज योजना में पीएम आवास दिलाने का झांसा

प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रभारी उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि जन समस्या निवारण संस्थान के अध्यक्ष आलोक दुबे ने पत्र के माध्यम से सूचित किया कि अभिषेक, खालिद और राकेश यादव समेत 18 लोगों से प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी की गई है। पीड़ितों के मुताबिक, अनवर नाम के व्यक्ति ने उन लोगों का परिचय मदेयगंज के अलीनगर निवासी मो. तालिब से करवाया। बताया कि तालिब एलडीए में प्रशासनिक अधिकारी है। वह बसंतकुंज योजना में प्रधानमंत्री आवास दिला देंगे। मो. तालिब ने बताया कि प्रति व्यक्ति 55 हजार रुपये जमा करने पर मकान का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र मिल जाएगा। उसके बाद एक 10 हजार रुपये की अगली किश्त देने पर एलडीए द्वारा आवंटित आवास की बकाया धनराशि की किश्तों का एग्रीमेंट करते हुए मकान का कब्जा दे दिया जाएगा। इसके बाद सभी बकाया किश्तों की अदायगी पर आवंटियों के पक्ष में मकान की रजिस्ट्री हो जाएगी। 

जाली आवंटन प्रमाण पत्र थमाया

पीड़ितों के मुताबिक, उन लोगों ने बहकावे में आकर मो. तालिब के बताए गए बैंक खाते में आनलाइन माध्यम से कुल 9 लाख 90 हजार रुपये जमा कर दिये, जिसके बाद उसने 15 लोगों को प्रधानमंत्री आवास का रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र दिया। इसके बाद 15 लोगों से मकान की अगली किश्त के नाम पर प्रति व्यक्ति 1 लाख 10 हजार की दर से कुल 16 लाख 50 हजार रुपये और ऐंठ लिए। रुपये लेने के बाद तालिब ने न तो किसी के पक्ष में भवन का एग्रीमेंट करवाया और न ही मकान का भौतिक कब्जा दिलाया। पीड़ितों के मुताबिक, मकान के बारे में पूछने पर तालिब हर बार आनाकानी करने लगा।

जांच में फर्जी मिले दस्तावेज

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फर्जीवाडे की शिकायत मिलने पर एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने पूरे प्रकरण की जांच करवायी। पता चला कि तालिब नाम का कोई भी कर्मचारी प्राधिकरण में कार्यरत नहीं है। इसके अलावा पीड़ितों के रजिस्ट्रेशन प्रमाण पत्र समेत सभी दस्तावेज जांच में फर्जी पाए गए। उप सचिव अतुल कृष्ण सिंह ने बताया कि इस मामले में गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई है। 

पंजीकरण खुला नहीं, बना दिया जाली आवंटन पत्र 

एलडीए ने डालीबाग में बनाए जा रहे 72 ईडब्ल्यूएस भवनों का पंजीकरण ही अभी तक नहीं खोला है। लेकिन, जालसाज इस योजना में भवन आवंटित कराने के नाम पर धोखाधड़ी कर रहे हैं। हजरतगंज में वीआईपी गेस्ट हाउस के पास झुग्गी में रहने वाले राहुल धानुक के नाम से भवन का जाली आवंटन पत्र और पंजीकरण चालान फर्जी तरीके से बनवाये गये। उप सचिव ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर राहुल धानुक व अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी जा रही है।

एलडीए उपाध्यक्ष ने नागरिकों से की अपील 

उपाध्यक्ष ने नागरिकों से अपील की कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत मकान आवंटित कराने को लेकर किसी भी बाहरी व्यक्ति की बात पर विश्वास न करें। प्राधिकरण की ओर से पारदर्शी प्रक्रिया के तहत आवेदकों की उपस्थिति में लॉटरी के माध्यम से भवनों का आवंटन किया जाता है। अन्य किसी भी प्रकार से भवन आवंटित करने की कोई प्रक्रिया नहीं है। एलडीए में प्रधानमंत्री आवास योजना से सम्बंधित प्रकरणों के लिए पीएमएवाई सेल गठित है, जिसका कार्यालय प्राधिकरण भवन की नई बिल्डिंग के भूतल पर बना है। योजना से सम्बंधित जानकारी के लिए सेल के कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है। 

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