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Crime News: फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की ठगी का खुलासा, इंडसइंड बैंक मैनेजर समेत तीन शातिर साइबर ठग गिरफ्तार

लखनऊ साइबर क्राइम सेल ने फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। इंडसइंड बैंक मैनेजर समेत तीन आरोपी गिरफ्तार हुए हैं। देशभर में 40 से अधिक मामलों से जुड़ा यह नेटवर्क करोड़ों की धोखाधड़ी में संलिप्त था।

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Shishir Patel
Online Fraud

करोड़ों की ठगी का खुलासा करते डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित।

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  साइबर क्राइम सेल और साइबर क्राइम थाना लखनऊ की संयुक्त टीम ने फर्जी कंपनियों के जरिए करोड़ों रुपये की ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने इंडसइंड बैंक के डिप्टी ब्रांच मैनेजर समेत तीन साइबर ठगों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 30,000 नकद, 5 मोबाइल फोन, 6 एटीएम कार्ड, 2 आधार कार्ड और 1 पैन कार्ड बरामद हुए हैं।गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम उमाकांत (36 वर्ष), निवासी बभनान, जनपद बस्ती, राजीव विश्वास (28 वर्ष), निवासी बस्ती, उत्तम कुमार विश्वास (44 वर्ष), डिप्टी ब्रांच मैनेजर, इंडसइंड बैंक चिनहट लखनऊ है।

पूछताछ करने पर हुआ खुलासा 

डीसीपी अपराध कमलेश दीक्षित ने बताया कि संयुक्त टीम 5 नवंबर को गश्त पर थी, तभी मुखबिर की सूचना पर महानगर चौराहे के पास एक्सिस बैंक गोल मार्केट के सामने से दो संदिग्धों उमाकांत और राजीव विश्वास को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने खुलासा किया कि वे आकाश रियल स्टेट एंड डेवलपर्स प्रा. लि. नामक फर्जी कंपनी के माध्यम से बैंक खाते खोलकर साइबर ठगी करते थे।

20 करोड़ के फ्रॉड में 10–20 प्रतिशत कमीशन ले चुके हैं आरोपी

मुख्य आरोपी उमाकांत ने बताया कि वह असली रियल एस्टेट कारोबारी नहीं है, बल्कि फर्जी फर्मों के जरिए करोड़ों की ठगी का नेटवर्क चलाता है। उसने खुलासा किया कि इंडसइंड बैंक चिनहट शाखा के डिप्टी ब्रांच मैनेजर उत्तम कुमार विश्वास भी इस रैकेट का हिस्सा हैं और अब तक लगभग 20 करोड़ के फ्रॉड में 10–20 प्रतिशत कमीशन ले चुके हैं।

लगभग 40 साइबर ठगी की शिकायतें सामने आई

टीम ने तत्परता से कुर्सी रोड स्थित किरन एन्क्लेव से बैंक अधिकारी उत्तम विश्वास को हिरासत में लिया। उसने भी अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की। पूछताछ में सामने आया कि इन खातों में ऑनलाइन गेमिंग व फ्रॉड से मिली रकम जमा की जाती थी, जिसे आरोपी एटीएम व ऑनलाइन ट्रांजेक्शन से निकाल लेते थे। ठगी की रकम का हिस्सा नकद, सोने और जमीन खरीद में लगाया गया।साइबर टीम द्वारा अब तक की जांच में देश के कई राज्यों विशाखापत्तनम, पश्चिम बंगाल, गुरुग्राम (हरियाणा) और हैदराबाद से लगभग 40 साइबर ठगी की शिकायतें सामने आई हैं। जांच में करोड़ों रुपए के लेन-देन का पता चला है।

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अपराध का तरीका

फर्जी व बेनामी कंपनियों के नाम से बैंक खाते खुलवाना।

ऑनलाइन फ्रॉड/गेमिंग से मिली रकम उन्हीं खातों में ट्रांसफर कराना।

बैंक मैनेजर के सहयोग से फर्जी खातों को वैध दिखाना।

रकम को अलग-अलग खातों में लेयरिंग कर निकालना।

कमीशन के रूप में बैंक अधिकारी को 10–20% हिस्सा देना।

साइबर सेल की अपील

किसी अज्ञात लिंक या कॉल पर भरोसा न करें।

OTP, UPI PIN या बैंक विवरण किसी को न दें।

साइबर ठगी की स्थिति में हेल्पलाइन 1930 पर तुरंत संपर्क करें या www.cybercrime.gov.in

पर शिकायत दर्ज करें।

बाइक से गिरी महिला की मौत, परिजनों ने ढाई घंटे तक पोस्टमार्टम से किया इंकार

राजधानी के बख्शी का तालाब क्षेत्र के महिगवां गांव के पास बृहस्पतिवार सुबह एक दर्दनाक सड़क हादसे में 30 वर्षीय महिला की मौत हो गई। ट्रक का टायर अचानक फटने से तेज धमाका हुआ, जिससे बाइक पर पीछे बैठी महिला संतुलन खोकर सड़क पर गिर गई और गंभीर रूप से घायल हो गई। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।घटना सुबह करीब सात बजे की है। मड़ियांव अल्लूनगर डिगुरिया निवासी पूनम देवी (30) अपने पति राम प्रकाश के साथ रिश्तेदारी में महिगवां नरोसा जा रही थीं। रास्ते में जब दंपती की बाइक कुम्हरावा–बीकेटी रोड पर पहाड़पुर गांव के नजदीक पहुंची, तभी सामने जा रहे ट्रक का टायर तेज धमाके के साथ फट गया। आवाज इतनी तेज थी कि पीछे बैठी पूनम डरकर झटका खा गईं और असंतुलित होकर सड़क पर गिर पड़ीं। गिरने से उनके सिर में गंभीर चोट लगी।

शव घर पहुंचा तो मचा कोहराम 

राम प्रकाश ने स्थानीय लोगों की मदद से पूनम को तुरंत राम सागर मिश्र अस्पताल पहुंचाया, लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना पर थाना बीकेटी पुलिस भी मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू की।लेकिन परिजनों ने पोस्टमार्टम कराने से साफ इंकार कर दिया। उनका कहना था कि यह स्पष्ट दुर्घटना है और उन्हें शव का चीर-फाड़ नहीं चाहिए। घटना की जानकारी मिलने के बाद पूनम के मायके व गांव के काफी लोग अस्पताल में इकट्ठा हो गए और पुलिस से लगातार बातचीत चलती रही।करीब ढाई घंटे तक चली बातचीत के बाद पुलिस ने मानवीय पहल दिखाते हुए शव का पंचनामा भरकर बिना पोस्टमार्टम ही परिजनों को सौंप दिया।मृतका पूनम देवी के परिवार में पति राम प्रकाश, जो दूध व सब्जी का कारोबार करते हैं, के अलावा दो छोटे बच्चे हैं। परिवार के आंगन में जब शव पहुंचा तो कोहराम मच गया। रिश्तेदारों व पड़ोसियों की आंखें नम हो गईं।

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