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Good News: दिव्यांगजनों की समस्याएं रिकॉर्ड समय में निपटा रही योगी सरकार

सीएम योगी के नेतृत्व में कुल 2,699 शिकायतों में से 2,660 का हो चुका है निस्तारण। सुशासन, जवाबदेही और संवेदनशील प्रशासन का प्रतीक बन रही है योगी सरकार।

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Vivek Srivastav
दिव्यांगजनों की समस्याएं

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर Photograph: (साेशल मीडिया)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश में दिव्यांगजन अब अपनी शिकायतों के समाधान के लिए इंतजार नहीं कर रहे, बल्कि उन्हें त्वरित न्याय मिल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने समन्वित शिकायत निवारण प्रणाली (IGRS) को प्रभावी बनाते हुए दिव्यांगजनों की समस्याओं का रिकॉर्ड समय में निस्तारण कर मिसाल कायम की है।

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दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाद से  प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मुख्यमंत्री हेल्पलाइन, ऑनलाइन पोर्टल, पीजीआई पोर्टल और मुख्यमंत्री संदर्भ के माध्यम से कुल 2,699 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 2,660 का निस्तारण किया जा चुका है। यानी महज 39 शिकायतें ही लंबित हैं, और विशेष बात यह है कि कोई भी शिकायत डिफॉल्टर की श्रेणी में नहीं है। यह दर्शाता है कि योगी सरकार दिव्यांगजनों की समस्याओं को लेकर कितनी गंभीर और संवेदनशील है। चाहे वो पेंशन की समस्या हो, प्रमाण पत्र से जुड़ी अड़चनें हों या अन्य सामाजिक-सुविधाओं से जुड़ी शिकायतें, सरकार का तंत्र त्वरित गति से इनका समाधान कर रहा है।

शिकायतों का तेजी के साथ हो रहा निस्तारण

cm yogi संदर्भ के अंतर्गत कुल 212 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 206 का समाधान किया जा चुका है। वहीं, पीजी पोर्टल पर 404 में से 394, ऑनलाइन माध्यम से 233 में से 229 तथा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन पर प्राप्त 1850 में से 1831 मामलों का निस्तारण कर लिया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि राज्य प्रशासन की कार्यप्रणाली पारदर्शिता, तत्परता और जनकल्याण के सिद्धांतों पर आधारित है।

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आमजन के साथ ही दिव्यांगजनों के लिए IGRS प्रणाली बना सशक्त मंच

राज्य सरकार द्वारा लागू की गई IGRS प्रणाली आमजन विशेषकर दिव्यांगजनों के लिए एक सशक्त मंच बनकर उभरी है, जिससे वे घर बैठे ही अपनी समस्याएं दर्ज करा पा रहे हैं और उन पर समयबद्ध कार्यवाही सुनिश्चित हो रही है। तकनीक और मानव संवेदना का यह समन्वय 'सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास' के मंत्र को साकार करता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए विशेष संवेदनशीलता रखते हैं। उन्होंने समय-समय पर जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी दिव्यांग की शिकायत को प्राथमिकता दी जाए और उसका समाधान मानवीय दृष्टिकोण से किया जाए। यही कारण है कि IGRS के माध्यम से आने वाली शिकायतों पर न केवल आंकड़ों के स्तर पर तेजी से कार्य हुआ है, बल्कि इन शिकायतों के समाधान में मानवीय संवेदनशीलता भी झलकती है।

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