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हीमेटोकॉन 2025 Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। राजधानी लखनऊ में चिकित्सा विशेषज्ञों का बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है। इंडियन सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन (आईएसएचबीटी) का 66वां वार्षिक सम्मेलन 'हीमेटोकॉन 2025' 6 से 9 नवंबर तक होगा। इसकी मेजबानी उत्तर प्रदेश हीमेटोलॉजी ग्रुप (यूपीएचजी) कर रहा है। चार दिन के आयोजन में वरिष्ठ हेमेटोलॉजिस्ट (रक्त विकार विशेषज्ञ) समेत देश भर के करीब 1200 डॉक्टर शामिल होंगे। पहले दिन विभिन्न चिकित्सा संस्थानों और केंद्रों में 10 कार्यशालाएं होंगी। इनमें कैंसर, हिमोफिलिया, ल्यूकेमिया समेत कई गंभीर बीमारों के आधुनिक इलाज और जांच पर मंथन होगा। इसके अलावा बीमारियों पर किए गए नवीन शोध भी पेश किए जाएंगे। हेमेटोकॉन का उद्घाटन सात नवंबर को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक करेंगे।
400 मेडिकल स्टूडेंट्स पेश करेंगे शोध
यूपीएचजी के सचिव डॉ एसपी वर्मा ने मंगलवार को यंग भारत न्यूज से खास बातचीत में बताया कि कार्यशाला में मेडिकल स्टूडेंट्स को रक्त विकार की गंभीर बीमारियों के इलाज की आधुनिक तकनीकें और थेरेपी जानने का मौका मिलेगी। बोन मैरो (अस्थि मज्जा) और लिम्फोमा बायोप्सी की रिपोर्ट समझने की जानकारी दी जाएगी। सम्मेलन में 30 अंतरराष्ट्रीय और 350 से ज्यादा राष्ट्रीय संकाय सदस्य शामिल होंगे। ये बुजुर्गों, गर्भावस्था के दौरान एनीमिया, सिकल सेल एनीमिया, रक्त स्राव, हेमटोलॉजिकल विकारों के साथ ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, सीएआर-टी सेल थेरेपी और बीएमटी जैसे जटिल हेमटोलॉजिकल विकारों पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इनके इलाज में उपयोग हो रही आधुनिक तकनीकों के बारे में बताएंगे।। कार्यशाल में 400 मेडिकल छात्र अपने शोध पत्र प्रस्तुत करेंगे।
तीन हेमटोलॉजिस्ट को मिलेगा लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड
डॉ वर्मा ने बताया कि सम्मेलन में देश के तीन वरिष्ठ हेमटोलॉजिस्ट- प्रो एमबी अग्रवाल, प्रो टीके दत्ता और प्रो रेणु सक्सेना को चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया जाएगा। इसके साथ ही हेमटोलॉजी सोसाइटी में अहम योगदान देने वाले सात युवा हेमटोलॉजिस्ट को आईसीएच फेलोशिप प्रदान की जाएगी।
अलग-अलग बीमारियों पर रहेगा फोकस
केजीएमयू की पैथोलॉजी प्रोफेसर डॉ. रश्मि कुशवाहा ने बताया कि सम्मेलन के पहले दिन 10 कार्यशालाएं होंगी। इसमें अलग-अलग बीमारियों पर विशेष फोकस रहेगा। हिमोफिलिया, थेलेसिमिया, न्यूरोमा की तत्काल जांच और इलाज, ब्लड कैंसर के मीरजों में बोन मैरो में बदलाव पर चर्चा होगी। इसके अलावा बीमारियों के इलाज में एआई की भूमिका और नवजात शिशुओं और गर्भवती मलिाओं में एनीमिया की समस्या और मृत्युदर भी विशेषज्ञ चर्चा करेंगे। उन्होंने बताया कि केजीएयू की कुलपति पद्मश्री डॉ. सोनिया नित्यानंद और प्रोफेसर एके त्रिपाठी सम्मेलन के संरक्षक हैं।
350 से ज्यादा राष्ट्रीय संकाय सदस्य होंगे शामिल
सम्मेलल में 350 से ज्यादा राष्ट्रीय संकाय सदस्य हिस्सा लेंगे।। इममें प्रो. एमबी अग्रवाल (मुंबई), प्रो. दीपक कुमार मिश्रा (कोलकाता), डॉ. पंकज मल्होत्रा (पीजीआई चंडीगढ़), प्रो. एम. महापात्रा (एम्स, नई दिल्ली), डॉ. तुफान कांति दोलाई (कोलकाता) और डॉ. रवींद्र जेना (ओडिशा), डॉ. रेणु सक्सेना (दिल्ली), ब्रिगेडियर डॉ. तथागत चटर्जी (फरीदाबाद), डॉ. शर्मिलाचंद्रा (कोलकाता), डॉ. राखीकर (पुडुचेरी) आदि शामिल हैं।
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