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पुरुषों में तेजी से बढ़ रही बांझपन की समस्या Photograph: (Google)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. गीता खन्ना के मुताबिक, पुरुषों में बांझपन (Infertility) की समस्या भारत ही नहीं, पूरे विश्व में तेजी से बढ़ रही है। कुल निसंतानता मामलों में 40-50 प्रतिशत जिम्मेदार पुरुष होते हैं। युवा अपने करिअर के चक्कर में देरी से शादी कर रहे हैं। तनाव, असंतुलित जीवनशैली भी बांझपन का प्रमुख कारण है। देरी से इलाज में परिणाम और अधिक खराब हो जाते हैं। इसलिए समय रहते उचित जांच और उपचार कराना बेहद जरूरी है।
पैकेजिंग युक्त भोजन बिगाड़ रहा सेहत
हजरतगंज के एक होटल में अजंत होप सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रीप्रोडक्शन एंड रिसर्च, इंडियन फर्टिलिटी सोसायटी (आईएफएस) की ओर से हुए इंटरनेशनल होप सीएमई में डॉ. गीता खन्ना ने कहा कि धूम्रपान और तंबाकू का सेवन पुरुषों की सेक्शुअल हेल्थ के लिए बहुत हानिकारक है। तंबाकू में मौजूद निकोटिन खून की नलियों को सिकोड़ देता है। प्रिजर्वेटिव और पैकेजिंग वाला खाना हमारी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा रहा है।
78 प्रतिशत दंपति मानसिक तनाव में
डॉ. गीता ने बताया कि शराब, मोटापा, तनाव, देर से विवाह और चिकित्सीय कारणों जैसे पीसीओएस, बंद ट्यूब और शुक्राणुओं की घटती गुणवत्ता से समस्याएं आ रही हैं। करीब 78 फीसदी दंपती मानसिक तनाव से गुजरते हैं। 60 फीसदी महिलाएं पहले झांड़ फूंक, ओझा तांत्रिक के पास जाती हैं। इससे भी समस्या अधिक बढ़ जाती है।
क्यों जरूरी है फर्टिलिटी टेस्ट?
डॉक्टरों के अनुसार, अगर 1 साल तक प्रेग्नेंसी की कोशिश के बाद भी सफलता नहीं मिल रही है, तो पुरुष और महिला दोनों को फर्टिलिटी टेस्टिंग ज़रूर करानी चाहिए। इससे जल्दी समस्या पकड़ी जाती है और आईवीएफ, आईयूआई जैसी एडवांस तकनीकों के जरिए इलाज की संभावना बढ़ जाती है।
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