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UPPCL में वर्टिकल सिस्टम से आउटसोर्स कर्मियों की नौकरी पर खतरा Photograph: (YBN)
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) निजी कंपनियों की तरह काम करने का तरीका अपनाने जा रह है। इसके लिए लखनऊ में एक नवंबर से पावर कारपोरेशन में वर्टिकल सिस्टम लागू किया जाएगा। बिजली नई व्यवस्था में मौजूदा कर्मियों के मुकाबले 30 प्रतिशत कम स्टाफ लगेगा। इससे नियमित कर्मचारियों की नौकरी पर तो खतरा नहीं है, लेकिन आउटसोर्स कर्मियों पर संकट आ सकता है। वर्टिकल सिस्टम में लिपिक, तकनीकी कर्मी और श्रमिक लाइनमैन की छंटनी की जा सकती है।
समय सीमा में उपभोक्ता का काम करना होगा अनिवार्य
वर्टिकल सिस्टम में तय समय सीमा में ही उपभोक्ता का काम करना अनिवार्य होगा। जिम्मेदार अधिकारी काम का बोझ बताकर उपभोक्ता को टाल नहीं पाएंगे। अमौसी, लखनऊ मध्य, जानकीपुरम और गोमतीनगर जोन के मुख्य अभियंताओं ने वर्टिकल सिस्टम का जो खांचा खींचा है, उसमें अधीक्षण अभियंता (टेक्निकल) और अधीक्षण अभियंता (कॉमर्शियल) के अधीन जेई, एई और एक्सईएन की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। ये दोनों पद उपभोक्ताओं से सीधे जुड़े रहेंगे।
एक्सईएन (कॉमर्शियल) की सबसे अहम जिम्मेदारी
वर्टिकल सिस्टम में अधीक्षण अभियंता (कॉमर्शियल) के अधीन तीन एक्सईएन होंगे। इनमें एक्सईएन (कॉमर्शियल) लोड बढ़ाने-घटाने, नए कनेक्शन देने, एक्सईएन (बिलिंग) सही बिल उपभोक्ता तक पहुंचाने, एक्सईएन (रेड) बिजली चोरी रोकने पर काम करेंगे। सबसे अहम जिम्मेदारी एक्सईएन (कॉमर्शियल) की होगी, जो छोटे उपभोक्ताओं से लेकर बिल्डरों तक को कनेक्शन देंगे।
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