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एलडीए : 7.5 मीटर चौड़ी सड़क पर भी पास होगा मकान का नक्शा, आर्किटेक्ट खुद कर सकेंगे सड़क का सत्यापन

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने आर्किटेक्ट्स को नये नियमों के बारे में जानकारी दी। साथ ही नक्शे में आपत्ति लगने की दिशा में आर्किटेक्ट्स की जिम्मेदारी भी तय की। आर्किटेक्ट द्वारा वार्षिक रूप से जमा किये जाने वाले नक्शों की समीक्षा की गयी।

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Deepak Yadav
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एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार आर्किटेक्ट्स के साथ बैठक करते Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। लखनऊ में 7.5 मीटर चैड़ी सड़क पर भी भवन के नक्शे पास होंगे। सड़क शासकीय विभाग द्वारा निर्मित है, इसका सत्यापन खुद आर्किटेक्ट कर सकेंगे और इसके लिए सम्बंधित विभाग से कोई प्रमाण पत्र नहीं लेना पड़ेगा। लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने नक्शा पास कराने की व्यवस्था में सुधार करते हुए प्रक्रिया को सरल कर दिया है। 

वीसी ने आर्किटेक्ट्स को नये नियमों की दी जानकारी

एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने आर्किटेक्ट्स को नये नियमों के बारे में जानकारी दी। साथ ही नक्शे में आपत्ति लगने की दिशा में आर्किटेक्ट्स की जिम्मेदारी भी तय की। आर्किटेक्ट द्वारा वार्षिक रूप से जमा किये जाने वाले नक्शों की समीक्षा की गयी। नक्शा पास कराने में क्या दिक्कत आती है, कितना समय लगता है, किस तरह की आपत्ति लगती है, इन सबके बारे में उपाध्यक्ष ने जानकारी हासिल की। 

नक्शा पास कराने की प्रक्रिया सरल

उपाध्यक्ष ने बताया कि नये बिल्डिंग बायलॉज के अंतर्गत शहर में शासकीय विभाग द्वारा निर्मित 7.5 मीटर चौड़ी सड़क पर भी आवास का नक्शा स्वीकृत किये जा रहे हैं। अभी तक प्रचलित व्यवस्था के तहत आवेदक को सम्बंधित विभाग से यह प्रमाण पत्र लेकर देना होता था कि उक्त सड़क विभाग द्वारा ही निर्मित है। इसमें काफी समय लगता था और नक्शा पास कराने की प्रक्रिया में देरी होती थी। इसे ध्यान में रखते हुए व्यवस्था को सरल कर दिया गया है। अब नक्शा दाखिल करने वाले आर्किटेक्ट यह खुद सत्यापित कर सकेंगे कि सड़क किस सरकारी विभाग की है। एलडीए इसी के आधार पर नक्शा पास कर देगा। 

आवेदक को नहीं देना होगा साइट प्लान 

बैठक में आर्किटेक्ट ने बताया कि एलडीए की खुद की योजनाओं में भवन मानचित्र स्वीकृत कराने पर भी आवेदक से ही साइट प्लान मांगा जाता है। जबकि, सम्बंधित रिकॉर्ड प्राधिकरण के पास पहले से मौजूद हैं। इस पर उपाध्यक्ष ने आदेश दिए कि अब से एलडीए की योजनाओं के भवन मानचित्रों में आवेदक से साइट प्लान नहीं मांगा जाएगा, यह काम प्राधिकरण के स्तर से मानचित्र अनुभाग करेगा। 

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मैकेनाइज्ड पार्किंग देकर कराएं कंपाउंडिंग 

उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि पूर्व से निर्मित बिल्डिंगों में अगर पार्किंग की जगह कम है तो मैकेनाइज्ड/ऑटोमेटेड पार्किंग की व्यवस्था सुनिश्चित कराने पर भी शमन मानचित्र स्वीकृत किया जाएगा। समीक्षा में पाया गया कि कुछ आर्किटेक्ट मानचित्र के साथ जरूरी शपथ पत्र नहीं लगा रहे तो कोई एफएआर की गणना में गलती कर रहे हैं। इसके अलावा कुछ आर्किटेक्ट नक्शों में आपत्ति लगने पर सुधार करने के बजाए फिर से वही गलती दोहराते हुए नक्शा जमा कर रहे हैं। इससे मानचित्र स्वीकृति की प्रक्रिया बेवजह लंबित हो रही है। इस पर उपाध्यक्ष ने सख्ती दिखाते हुए निर्देश दिये कि मानचित्र में तीसरी आपत्ति के बाद आवेदन निरस्त कर दिया जाएगा।

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