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दूध बच्चों के दांतों का सबसे बड़ा दुश्मन : IET मेंं विशेषज्ञ ने चेताया-नशीले दंत पाउडर के इस्तेमाल से हो सकता है कैंसर

इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) में डेंटल हेल्थ : मिथ्स एंड फैक्ट्स पर जागरूकता कार्यकम में प्रो. टिक्कू ने कहा कि दांत हमारे शरीर का एक सबसे अहम हिस्सा है।

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Deepak Yadav
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KGMU के फैक्टी ऑफ डेंटल साइंस के पूर्व डीन प्रो. असीम प्रकाश टिक्कू Photograph: (YBN)

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। दूध बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए जितना जरूरी माना जाता है, उतना ही उनके दांतों के लिए नुकसानदाायक है। बच्चों के दातों की समस्याओं की बड़ी वजह दूध है। वहीं दांतों की सफाई के नाम पर बाजार में बिकने वाले कुछ नशीले पाउडर के इस्तेमाल से नशे की लत लगने के साथ कैंसर होने की संभावना बन रहती है। यह किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (KGMU) फैक्टी ऑफ डेंटल साइंस के पूर्व डीन प्रोफेसर असीम प्रकाश टिक्कू का कहना है।

दांत शरीर का एक सबसे अहम हिस्सा

इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी) में डेंटल हेल्थ : मिथ्स एंड फैक्ट्स पर जागरूकता कार्यकम में प्रो. टिक्कू ने कहा कि दांत हमारे शरीर का एक सबसे अहम हिस्सा है। हमारी मुस्कराहट को खूबसूरत बनाते हैं। इसलिए दांतों का मजबूत होना बेहद जरूरी है। उन्होंने बताया कि बच्चों के दांतों में होने वाले बैक्टिरियल इन्फेक्शन को लोग कीड़ा लगना समझते हैं। जबकि यह सिर्फ गलतफहमी है। कैविटी केवल बच्चों में ही नहीं, बड़ों के दांतों में भी हो सकती है। उन्होंने यह भी बताया कि दूध को सेहत के लिए जरूरी माना जाता है, लेकिन बच्चों के दांतों की समस्याओं की प्रमुख वजह दूध ही है। 

कोमल रेशों वाले ब्रश से करें दांतों की सफाई

प्रोफेसर ने बताया कि मसूड़ों में रक्त रिसाव के समय ब्रश करना रोकना नहीं चाहिए। बल्कि दांतों को अच्छी तरह से साफ करते रहना चाहिए। समाज में फैला एक भ्रम यह भी है कि दांतों की अच्छी सफाई केवल कठोर रेशे वाले ब्रश से ही हो सकती है। जबकि कोमल रेशे वाले ब्रश दांतों की सफाई के लिए उपयुक्त है। दांतों की ब्लीचिंग और व्हाइटनिंग एक बार करने के बाद हमेशा बनी रहती है ये भी एक भ्रम है। 

तंबाकू युक्त दंत पाउडर के इस्मेमाल से कैंसर का खतरा

प्रोफेसर टिक्कू ने कहा कि दांतों की सफाई के लिए बाजार में कुछ नशीले पाउडर बिक रहे हैं। इनके इस्तेमाल से लोगों में नशे की लत भी लगती है और कैंसर जैसी घातक बीमारी होने की संभावना बनी रहती है। इस तरह के तंबाकू युक्त दंत पाउडरों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। तंबाकू और सिगरेट के इस्तेमाल करने से भी दांतों की उम्र कम होती है। इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए। 

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कटे होंठ की समस्या का चंद्र-सूर्य ग्रहण से संबंध नहीं 

प्रोफेसर टिक्कू ब्रश के ऊपर हमेशा टूथपेस्ट लगाकर इस्तेमाल करने की धारणा को तोड़ते हुए कहा कि टूथपेस्ट के बिना भी दातों की सफाई केवल ब्रश से आसानी से की जा सकती है। टूथपेस्ट केवल सांसों की ताजगी एवं सफाई का एहसास करता है। उन्होंने कहा कि बच्चों में होंठ कटे होने की समस्या का चंद्र और सूर्य ग्रहण से कोई संबंध नहीं है। यह भी एक भ्रम है।

दांत चेहरे का सांसे खूबसूरत अंग

आईईटी के निदेशक प्रोफेसर विनीत कंसल के कहा कि दांत हमारे चेहरे का सांसे खूबसूरत अंग है। इसकी सही देखभाल के बिना, मुस्कराते हुए सुखी जीवन की कल्पना करना असंभव है। दंत की देखभाल में समाज में फैली भ्रांतियां को दूर करने की बेहद जरूरी है। 

300 से अधिक छात्रों ने कार्यक्रम में लिया हिस्सा

कार्यक्रम में 300 से अधिक छात्रों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में प्रोफेसर एसएन मिश्रा, एसोसिएट प्रोफेसर आर सीएस चौहान, आईजैक प्रमुख डॉ सत्येंद्र सिंह सहित, अदीब उद्दीन अहमद , डॉ करुणेश कुमार, डॉ शिल्पी जौहरी, डॉ राजी, डॉ हर्ष मीत कौर, डॉ एसएम कससिम, डॉ पीएन वर्मा, डॉ गरिमा सहित अन्य शिक्षक उपस्थित रहे।

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