लखनऊ वाईबीएन संवाददाता। राजधानी के काकोरी थाना क्षेत्र अंतर्गत टेड़वा गांव से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया। पारिवारिक विवाद और आपसी रंजिश का खामियाजा एक मासूम ने अपनी जान देकर चुकाया वह भी जन्म लेने से पहले।पीड़िता रेशमा रावत, जो सात माह की गर्भवती थी, पर उसके जेठ दिलशाद अली ने उस वक्त कहर बरपाया जब घरेलू बंटवारे को लेकर विवाद हुआ। आरोप है कि दिलशाद ने रेशमा के पेट पर बेरहमी से लात मार दी, जिससे गर्भ में पल रहे शिशु की दर्दनाक मौत हो गई।
प्रेम विवाह करना ससुरालवाली दोनों से खुश नहीं
रेशमा ने हिंदू धर्म से होने के बावजूद इश्तियाक से प्रेम विवाह किया था। यह विवाह उसके ससुरालवालों को नागवार था और तभी से उसे लगातार मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा था। इससे पहले भी रेशमा पर उसकी सास, ससुर और चाची गुड़िया द्वारा मारपीट का आरोप लग चुका है। जब बात बढ़ जाती थी तो समझौता करा दिया जाता था लेकिन अब यह विवाद और ही तूल पकड़ता जा रहा है।
पुलिस ने भ्रूण हत्या का दर्ज किया केस
गौरतलब है कि रेशमा के पति इश्तियाक के विरुद्ध एक मामला ACJM न्यायालय में चल रहा था। वारंट कटने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया, जिससे रेशमा और भी असहाय हो गई थी।काकोरी पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भ्रूण हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है और कार्रवाई शुरू कर दी है। यह घटना सिर्फ एक परिवार की नहीं, बल्कि हमारे समाज की संवेदनशीलता और महिला सुरक्षा पर भी बड़ा सवाल खड़ा करती है।एक मां की कोख उजड़ गई, और एक मासूम दुनिया में आने से पहले ही बेरहमी की बलि चढ़ गया।