Advertisment

IAS: यूपी में ‘जीरो टॉलरेंस’ पर भारी रिश्वतखोरी!

जब ये अफसर विभागों में तैनात थे तब किसी मंत्री को भ्रष्टाचार क्यों नहीं दिखा? आखिरकार सिर्फ तबादले के वक्त ही इन पर कार्रवाई क्यों होती है?

author-image
Anupam Singh
344

यूपी के करप्ट आईएएस (फाइल फोटो )

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।  उत्तर प्रदेश सरकार जहां भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर देती है, वहीं दूसरी ओर आईएएस अधिकारियों द्वारा रिश्वतखोरी और तबादला उद्योग चलाए जाने के गंभीर आरोप सामने आ रहे हैं। ताज्जुब की बात यह है कि इन अफसरों पर उंगली उठाने वाले कोई और नहीं बल्कि खुद उनके विभागीय मंत्री हैं।

Advertisment

आईएएस समीर वर्मा और भवानी सिंह पर करोड़ों की उगाही के आरोप

स्टांप और पंजीयन विभाग के मंत्री रवींद्र जायसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर आईजी रजिस्ट्रेशन समीर वर्मा पर बिना परामर्श तबादले करने और लेनदेन में शामिल होने का आरोप लगाया है। मंत्री ने कहा कि ऐसे बाबुओं को तैनात किया गया जो केवल इंटर पास हैं और जिनके खिलाफ शिकायतें पहले से थीं।

वहीं स्वास्थ्य विभाग के निदेशक भवानी सिंह खरगौत को भी उनके पद से हटा दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने बिना उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक की सहमति के तबादले किए। उपमुख्यमंत्री ने इस पर लिखित आपत्ति जताई थी। मामला बढ़ने पर स्वास्थ्य विभाग में पूरा तबादला सत्र शून्य घोषित कर दिया गया।

Advertisment

निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश की तलाश में एसटीएफ

एक अन्य गंभीर मामला निलंबित आईएएस अधिकारी अभिषेक प्रकाश का है, जो सौर ऊर्जा उपकरणों की खरीद में कमीशनखोरी के आरोपों में घिरे हैं। लखनऊ के भटगांव भूमि अधिग्रहण घोटाले में उनके खिलाफ चार्जशीट दी जा चुकी है। राजस्व विभाग ने उनके खिलाफ रिपोर्ट नियुक्ति विभाग को भेज दी है और यूपी एसटीएफ अब उनकी तलाश कर रही है।

जनता का सवाल: तबादले में दिखता है भ्रष्टाचार, तैनाती में क्यों नहीं?

Advertisment

इन मामलों के सामने आने के बाद आम नागरिकों और कर्मचारियों के बीच यह सवाल तेजी से उठ रहा है कि जब ये अफसर विभागों में तैनात थे तब किसी मंत्री को भ्रष्टाचार क्यों नहीं दिखा? आखिरकार सिर्फ तबादले के वक्त ही इन पर कार्रवाई क्यों होती है?

तबादला घोटालों की लंबी श्रृंखला

स्टांप विभाग में 88 सब-रजिस्ट्रार और 114 बाबुओं के तबादले रद्द।

Advertisment

बिना सहमति किए गए तबादलों पर मंत्रियों ने मुख्यमंत्री से शिकायत।

राजनीतिक और अफसरशाही टकराव में भ्रष्टाचार पर कार्रवाई बन रही बहस का विषय।

यूपी सरकार का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का नारा तभी सार्थक माना जाएगा जब कार्रवाई सिर्फ तबादलों तक सीमित न रहकर नियमित प्रशासनिक कामकाज पर भी हो। अन्यथा यह सवाल उठना स्वाभाविक है कि कहीं तबादले ही कमाई का जरिया तो नहीं बन गए?

यह भी पढ़ें :UP News: दूसरों की जीत से जोश में अखिलेश, कहा-भाजपा अंतिम दौर में

यह भी पढ़ें :UP News: जयंत चौधरी का तंज, पहले पीडीए का फुलफॉर्म तो बता दें सपा वाले

यह भी पढ़ें :Crime News: सौतेले पिता ने चाकुओं से गोदकर बेटी को उतारा मौत के घाट, मां बचाने दौड़ी तो उन्हें भी कर दिया घायल

Lucknow latest lucknow news in hindi lucknowcity local news lucknow
Advertisment
Advertisment