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पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण
लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता। उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने साइबर अपराध पर प्रभावी रोकथाम के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी पुलिस अधिकारियों को आदेशित किया है कि 14सी पोर्टल (NCRP) पर दर्ज होने वाली शिकायतों का तत्काल संज्ञान लिया जाए और तय मानक कार्यप्रणाली (SOP) का पालन सुनिश्चित किया जाए।डीजीपी ने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर महिलाओं और बच्चों से जुड़ी आपत्तिजनक सामग्री पर तुरंत कार्रवाई की जाए। वहीं, देश की अखंडता और सुरक्षा को प्रभावित करने वाले किसी भी ऑनलाइन कंटेंट को हटाने (टेकडाउन) की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जाएगी।
वित्तीय अपराध के गंभीर मामलों में तुरंत दर्ज किया जाए मुकदमा
उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की हर शिकायत आते ही थाना स्तर की साइबर सेल को तुरंत जांच शुरू करनी होगी। शिकायतों को तीन हिस्सों में बांटने का निर्देश दिया गया है । वित्तीय अपराध के गंभीर मामलों में तुरंत मुकदमा दर्ज करने और गिरोहों व कॉल सेंटर्स पर कठोर कार्रवाई करने को कहा गया है। इसके अलावा, जिन मामलों में धोखाधड़ी की रकम बैंक खातों में सुरक्षित है, उसे अदालत से आदेश कराकर पीड़ितों को वापस दिलाने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।डीजीपी राजीव कृष्ण ने सभी थाना प्रभारियों और साइबर क्राइम जांच से जुड़े पुलिसकर्मियों को एसओपी की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने और उसका कड़ाई से अनुपालन कराने के निर्देश भी दिए हैं।
बड़े साइबर अपराधों पर अब स्पेशल टीम करेगी जांच, साइबर कमांडो भी रहेंगे साथ
पुलिस ने साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं पर कड़ा कदम उठाया है। अब 50 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी वाले मामलों की विवेचना सामान्य तरीके से नहीं होगी, बल्कि इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित टीम गठित की जाएगी। एफआईआर दर्ज होते ही यह टीम जांच अपने हाथ में ले लेगी।
क्रिप्टो और ई-मेल हैकिंग मामलों पर फोकस
नकली लिंक से ठगी, क्रिप्टोकरेंसी में हेरफेर और ई-मेल हैकिंग जैसे जटिल मामलों में अब जोन स्तर पर तैनात साइबर कमांडो सहयोग करेंगे। इन कमांडो को डिजिटल फॉरेंसिक और हाई-टेक इन्वेस्टिगेशन का खास प्रशिक्षण दिया गया है, जिससे जांच तेजी से और वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ाई जा सके।
इससे पीड़ितों को रकम वापस दिलाने की बढ़ जाएगी संभावना
अधिकारियों के अनुसार, साइबर अपराधियों का नेटवर्क अब अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैल चुका है। ऐसे में साधारण जांच से इन अपराधों को पकड़ना मुश्किल है। बड़े मामलों में स्पेशल टीम और साइबर कमांडो की संयुक्त कार्रवाई से अपराधियों तक पहुंचने और पीड़ितों की रकम वापस दिलाने की संभावना बढ़ जाएगी।
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