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Crime News: 8 करोड़ के घोटाले, ट्रांसफर-साजिश और अफसरों की भिड़ंत से इनकम टैक्स विभाग में उठा भूचाल, आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू

लखनऊ आयकर विभाग में 8 करोड़ के निर्माण घोटाले की जांच कर रहे अफसर योगेंद्र मिश्रा का अचानक ट्रांसफर कर दिया गया। जांच के चलते विभाग में अफसरों के बीच विवाद हुआ, जिसमें हाथापाई तक की नौबत आ गई। मामला अब मुख्यमंत्री और डीजीपी तक पहुंच गया है।

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Shishir Patel
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इनकम टैक्स में दो अफसरों के बीच मारपीट का प्रकरण।

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लखनऊ, वाईबीएन संवाददाता।राजधानी के इनकम टैक्स विभाग में इन दिनों एक बेहद गंभीर और विवादित प्रकरण सुर्खियों में है, जिसमें विभाग के दो वरिष्ठ आईआरएस अधिकारियों के बीच टकराव ने भ्रष्टाचार, सत्ता के दुरुपयोग और आंतरिक राजनीति के कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मामला आठ करोड़ रुपये के कथित घोटाले और एक अफसर के आधी रात को किए गए तबादले से जुड़ा है, जिसे लेकर साजिश और प्रतिशोध के आरोप-प्रत्यारोप की लहर दौड़ गई है।

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विवाद का जड़ माना जा रहा नए ट्रेनिंग सेंटर का निर्माण 

इस विवाद की जड़ लखनऊ के विभूतिखंड में बने इनकम टैक्स विभाग के नए ट्रेनिंग सेंटर और हॉस्टल भवन से जुड़ी है, जिसकी निर्माण लागत करीब आठ करोड़ रुपये बताई जाती है। ज्वाइंट कमिश्नर योगेंद्र कुमार मिश्रा का आरोप है कि इस भवन के निर्माण में गंभीर भ्रष्टाचार हुआ है। निर्माण कार्य, इंटीरियर, वायरिंग, जिम उपकरण जैसे तमाम हिस्सों में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया, जबकि कागजों में उच्च गुणवत्ता का दावा किया गया था।

योगेंद्र मिश्रा ने भवन निर्माण में पकड़ी थी भारी अनियमितता 

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योगेंद्र मिश्रा के अनुसार, उनके प्रमोशन के बाद लखनऊ पोस्टिंग मिली थी और उन्हें ट्रेनिंग विंग में जिम्मेदारी दी गई थी। इसी दौरान उन्हें सीपीडब्ल्यूडी से भवन की हैंडओवर प्रक्रिया पूरी करने का जिम्मा सौंपा गया। उन्होंने विभागीय स्तर पर जांच कमेटी गठित कर निर्माण की गुणवत्ता की जांच शुरू की। इसी दौरान उन्हें भवन निर्माण में भारी अनियमितताओं की जानकारी मिली। मिश्रा का दावा है कि यह घोटाला पहले के एक अधिकारी जयनाथ वर्मा के कार्यकाल में हुआ था, जो वर्तमान में लखनऊ मुख्यालय में तैनात हैं।

आरोप, जांच आगे बढ़ाया तो रातोंरात कर दिया गया उनका ट्रांसफर 

मिश्रा के मुताबिक, जब उन्होंने इस मामले में कड़ाई से जांच आगे बढ़ाई तो उन पर दबाव बनाया जाने लगा। हालात इतने बिगड़े कि अचानक रातोंरात उनका ट्रांसफर कर दिया गया। मिश्रा का दावा है कि यह तबादला एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था, ताकि भ्रष्टाचार की परतें उजागर न हो सकें। उन्होंने इस तबादले को लेकर आरटीआई दायर कर जवाब मांगा है।इस मामले ने उस वक्त और तूल पकड़ा जब योगेंद्र मिश्रा और डिप्टी कमिश्नर गौरव गर्ग के बीच आयकर कार्यालय में तीखा विवाद हो गया। यह विवाद उस समय हुआ जब मिश्रा कमिश्नर ऋचा रस्तोगी के चैंबर में पहुंचे, जहां पहले से ही गौरव गर्ग और कमिश्नर शौर्य शाश्वत शुक्ल मौजूद थे। बातचीत के दौरान बहस इतनी बढ़ गई कि दोनों अफसरों के बीच हाथापाई हो गई, जिसमें गर्ग को चोट लगने की बात सामने आई।

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गौरव का आरोप है कि योगेंद्र ने उनका गला दबाने की कोशिश 

इस घटना के बाद दोनों पक्षों से शिकायतें दर्ज कराई गईं। गौरव गर्ग ने योगेंद्र मिश्रा पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया और दावा किया कि मिश्रा ने ऑफिस में घुसकर उन पर हमला किया, गला दबाने की कोशिश की, कांच का गिलास फेंका और निजी अंगों पर भी वार किया। उन्होंने यह भी कहा कि यह हमला किसी क्रिकेट मैच में मिश्रा को न खिलाने से जुड़ी रंजिश का नतीजा है।दूसरी ओर, योगेंद्र मिश्रा की पत्नी नेहा द्विवेदी ने पुलिस आयुक्त अमरेंद्र कुमार सेंगर से मुलाकात की और एफआईआर की मांग की। नेहा का दावा है कि उनके पति ने कोई हमला नहीं किया, बल्कि खुद को बचाने के लिए धक्का दिया था, जिससे अंगूठी लगने से गर्ग को चोट लगी। उन्होंने आरोप लगाया कि गर्ग और उनकी पत्नी आईपीएस अधिकारी रवीना त्यागी ने जानबूझकर इस पूरे मामले का नरेटिव अपने पक्ष में मोड़ा।

योगेद्र की पत्नी नेहा ने पुलिस कमिश्नर से लगाई न्याय की गुहार 

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शिकायती पत्र में नेहा ने लिखा है कि उन्हें और उनके परिवार को रवीना त्यागी की पोजीशन और पॉवर का डर दिखाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। आरोप है कि गौरव गर्ग ने मिश्रा को धमकी दी थी कि उनकी पत्नी पुलिस अफसर हैं और वह उन्हें किसी झूठे मुकदमे में फंसा सकती हैं, यहां तक कि एनकाउंटर कराने की धमकी तक दी गई।मामला अब मुख्यमंत्री और डीजीपी तक पहुंच गया है। मिश्रा ने पत्र लिखकर आईपीएस रवीना त्यागी का लखनऊ से तबादला करने की मांग की है और उन पर साजिश रचने का आरोप लगाया है। विभाग में आंतरिक जांच की मांग भी की गई है।

पूरे विवाद ने आयकर विभाग की साख पर सवाल खड़े किए

इस पूरे विवाद ने न सिर्फ आयकर विभाग की साख पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी उजागर किया है कि उच्च पदों पर बैठे अधिकारी व्यक्तिगत रंजिश, पद व कुर्सी के दुरुपयोग और अंतर्कलह में कैसे उलझे हुए हैं। जहां एक पक्ष इसे भ्रष्टाचार को उजागर करने की सजा बता रहा है, वहीं दूसरा पक्ष इसे पेशेवर ईर्ष्या और बदले की भावना से जुड़ी हिंसा बता रहा है।अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि प्रशासन और पुलिस इस मामले की निष्पक्ष जांच कर पाते हैं या नहीं। 

आयकर विभाग ने नहीं दी घटना से जुटी फुटेज 

दो आईआरएस अफसरों के बीच इनकम टैक्स दफ्तार में हुई मारपीट के मामले में शनिवार को पुलिस आयकर दफ्तर पहुंची। फोरेसिंक की टीम ने आयकर आयुक्त के कमरे में घटना का नाट्य रुपातंरण किया। हजरतगंज पुलिस ने पहुंचकर साक्ष्य जुटाएं। घटना के तीसरे दिन भी पुलिस को सीसीटीवी के फुटेज नहीं दिये गए। वहीं पुलिस की तरफ से घटना के चश्मदीद अधिकारियो को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस भेजा है। बयान होने पर पुलिस फिर आगे की कार्रवाई करेगी। साक्ष्य संकलन के लिए आयकर आयुक्त प्रशासन ऋचा स्तोगी के कमरे को पहले ही सील कर दिया गया है।

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